अनिल अंबानी की Reliance Capital स्टॉक एक्सचेंज से होगी डीलिस्ट, कंपनी ने दी जानकारी
अनिल अंबानी की Reliance Capital स्टॉक एक्सचेंज से होगी डीलिस्ट, कंपनी ने दी जानकारी
नई दिल्ली : देश के सबसे रईस कारोबारी मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की भारी कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल शेयर बाजार से डिलिस्ट होने वाली है। कंपनी की ओर से बुधवार को एक्सचेंज फाइलिंग में ये जानकारी दी गई। बता दें, रिलायंस कैपिटल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।
शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा कि एनसीएलटी द्वारा कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद कंपनी अपने मौजूदा स्टॉक्स को शेयर बाजार से हटाने पर विचार कर रही है। आगे कहा कि ये कदम आने वाले निवेशक के द्वारा कंपनी में न्यूनतम शेयर होल्डिंग हासिल करने के लिए लिया गया है। रिलायंस कैपिटल के शेयरों में 26 फरवरी 2024 यानी इसी सोमवार से ट्रेडिंग बंद है।
सभी शेयर होंगे रद्द
सेबी के स्टॉक के डिलिस्टिंग और एनसीएलटी के नियमों के मुताबिक ही रिलायंस कैपिटल के शेयर को डिलिस्ट किया जाएगा। लिक्विडेशन के समय रिलायंस कैपिटल के शेयरधारकों की इक्विटी वैल्यू को जीरो माना जाएगा। इसका मतलब है कि डिलिस्टिंग के लिए शेयरधारकों को किसी भी राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।
हिंदुजा ग्रुप, रिलायंस कैपिटल को खरीदेगा
दिवाला प्रक्रिया के तहत हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड ने रिलायंस कैपिटल के लिए 9,650 करोड़ रुपए में बोली जीती है। एनसीएलटी की मुंबई पीठ से इसे मंजूरी भी मिल चुकी है। आईआईएचएल ने कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए दिवाला प्रक्रिया के तहत दूसरे दौर की नीलामी में यह बोली लगाई थी। एनसीएलटी की तरफ से स्वीकृत कर्ज समाधान योजना में कंपनी के कर्जदाताओं को 63 प्रतिशत का तगड़ा नुकसान यानी ‘हेयरकट’ झेलना होगा।
37 साल पहले धीरूभाई अंबानी ने खड़ी की थी कंपनी
रिलायंस समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी ने इस कंपनी को 37 साल पहले 5 मार्च 1986 को स्थापित किया था। रिलायंस कैपिटल लिमिटेड को 1986 में गुजरात के अहमदाबाद में रिलायंस कैपिटल एंड फाइनेंस ट्रस्ट लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया था। 5 जनवरी 1995 को इसका नाम रिलायंस कैपिटल लागू हुआ।