बिहार में सिर्फ जातिगत आधार पर वोट नहीं पड़ता : प्रशांत किशोर
गोपालगंज। चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि बिहार में सिर्फ जातिगत आधार पर वोट नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव होता है तो उसमें समाज के हर पहलुओं का योगदान होता है, जिसमें जाति भी एक पहलू है, लेकिन सिर्फ जाति के आधार पर पर ही वोट पड़ता है ये कहना गलत है। अपनी जनसुराज पदयात्रा के 115 वें दिन गोपालगंज के हथुआ पहुंचे किशोर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि लोगों से ऐसी सोच बना ली गई है कि, बिहार का सारा समाज सिर्फ जातियों पर ही वोट करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में नीतीश कुमार और भाजपा का गठबंधन था सामने से लालू प्रसाद, लोजपा और कांग्रेस गठबंधन में थे। 2010 में नीतीश कुमार और भाजपा के गठबंधन को 205 सीट आई। तेजस्वी के मुकाबले लालू प्रसाद, राम विलास पासवान बड़े नेता थे, उसके बावजूद उस गठबंधन को लगभग 25 सीटें ही मिली थी, क्योंकि 2005-2010 के बीच सरकार के प्रति समाज के बड़े वर्ग का यह नजरिया था कि बिहार को सुधारने की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ जातियों की ही बात होती तो वही गठबंधन 2020 में लड़ा। नीतीश कुमार के साथ नरेंद्र मोदी की ताकत भी साथ थी। सामने लालू लालू प्रसाद के बजाय तेजस्वी यादव थे जबकि चिराग पासवान भी साथ नहीं थे, इसके बावजूद भाजपा के गठबंधन को 120 सीट लाने में पसीने निकल गए।