भव शंकर देशिक मे शरणम् सहित आचार्य शंकर विरचित स्रोतों के गान से गूंजा एकात्म धाम

 

भव शंकर देशिक मे शरणम् सहित आचार्य शंकर विरचित स्रोतों के गान से गूंजा एकात्म धाम

आचार्य शंकर प्रकटोत्सव के दूसरे दिन हुए विभिन्न कार्यक्रम

Indore: आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा आचार्य शंकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पंच दिवसीय आचार्य शंकर प्रकटोत्सव के दूसरे दिन एकात्म धाम में विभिन्न गतिविधियां हुई। प्रातः शुरुआत में वेद पारायण व शंकरभाष्य पारायण के साथ दिन की शुरुआत हुई। आचार्यों द्वारा वेद की 9 शाखाओं का पारायण किया गया, जिसमें ऋग्वेद की शाकल शाखा,शुक्ल यजुर्वेद की काण्व शाखा, माध्यान्दिनीय शाखा,कृष्ण यजुर्वेद की तैतीरिया शाखा,सामवेद की कौथुम शाखा,राणायनीय शाखा, जैमिनी शाखा,अथर्ववेद की शौनक, पैप्पलाद शाखा का पाठ हुआ।
यज्ञ मंडप में गणपति पूजन, यज्ञ ,हवन,पंचायतन पूजा व अन्य वैदिक अनुष्ठान किए 
संध्याकाल में ब्रह्मोत्सव में श्रृंगेरी कर्नाटक से पधारी श्रृंगेरी सिस्टर्स ने आचार्य शंकर विरचित स्तोत्रों का गायन किया,उन्होंने तोटकाष्टकम ,कालभैरवाष्टकम व गोविन्दाष्टकम का गान किया।
महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के निदेशक प्रो.विरुपाक्ष जड्डीपाल ने आचार्य शंकर के जीवन के बारे में बताया, उन्होंने बताया कि आठ वर्षो में चारो वेद,बारह वर्षों में सभी शास्त्रों का अध्यन,और सोलह वर्षो की आयु में प्रस्थानत्रय भाष्यों की रचना करने वाले शंकर को पाकर सनातन संस्कृति के अध्येता धन्य हो गए ।पंचायतन पूजन ,स्तोत्र रचना कर कई खंडों में बंटे सनातन धर्म के एकात्म के सूत्र में बांधा।

आचार्य शंकर का प्रादुर्भाव लोक- कल्याण के लिए हुआ

ब्रह्मोत्सव के मुख्य वक्ता महामंडलेश्वर स्वामी चिदंम्बरानंद सरस्वती ने अपने उद्बोधन में आचार्य शंकर के जीवन दर्शन व सनातन संस्कृति पर प्रकाश डाला। विचार व्यक्त करते हुए कहा की लोक कल्याण के लिए ही आचार्य शंकर का प्रादुर्भाव हुआ। मात्र 32 वर्षो के छोटे से जीवन काल में उन्होंने वो काम किया जिसके लिए 32 जन्म भी कम पड़ेंगे। धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि जीवन में धर्म के आचरण से ही मनुष्य का कल्याण हो सकता है, सत्संगति का महत्व बताते हुए कहा कि दुखो का कारण अज्ञान है जो विवेक से हटेगा और विवेक की उत्पत्ति संतो के सानिध्य से ही संभव है ।

आचार्य शंकर के दिखाए मार्ग पर चले तो जगत का कल्याण निश्चित – स्वामी पुण्यानंद गिरि

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी पुण्यानंद गिरि ने कहा कि परमात्मा विश्वंबर है तो चिंता की कोई आवश्कता नही है,आवश्यकता केवल वेद वाक्य पर श्रद्धा रखने की है । प्रत्यक्ष प्रमाण से श्रेष्ठ अनुमान प्रमाण होता है। सत्य का अंतिम प्रमाण वेद है, जिसे कभी भी झुटलाया नही जा सकता। वेद अपौरुषेय है। ध्यान रहे कि जो सब को धारण करे वो ही धर्म है। मनुष्य को धर्म और अधर्म दोनो का ज्ञान होना चाहिए तभी मनुष्य धर्माचरण कर सकेगा। काम और निष्काम कर्म के सिद्धांत को समझाते हुए बताया की कामना मनुष्य के मन को निचली अवस्था में ले जाती है। शास्त्र पर विश्वास रख कर यदि जीवनयापन करेंगे तो जीवन में सफलता निश्चित है। अंत में उन्होंने कहा कि आचार्य शंकर के दिखाए मार्ग पर चले तो जगत का कल्याण निश्चित है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी ने की

आज तीसरे दिन भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन में प्रातः से ही किया जाएगा

ओंकारेश्वर में 108 फीट की आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना के साथ ही कार्यक्रमों का आयोजन न्यास द्वारा किया जा रहा है, ओंकारेश्वर के आयोजन के साथ ही शंकर जयंती के अवसर पर 12 मई को राजधानी भोपाल में भी शंकर प्रकटोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जाएगा, कार्यक्रम में द्वारिका शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज भी शामिल होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

punjabi singer karan aujla london live : तौबा-तौबा के मशहूर सिंगर करण औजला (Karan Aujla) के मुंह पर लंदन कॉन्सर्ट में मारा जूता

  punjabi singer karan aujla london live : तौबा-तौबा के मशहूर सिंगर करण औजला (Karan Aujla) के मुंह पर लंदन कॉन्सर्ट में मारा जूता करण औजला हाल में ही विकी कौशल की फिल्म ‘बेड न्यूज’ में उनका ‘तौबा तौबा’ सॉन्ग आया था. इस गाने की पॉपुलैरिटी का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि यूट्यूब […]

म.प्र. पुलिस प्रशिक्षण में साइन लैंग्वेज शामिल करने वाला देश का पहला राज्य

  म.प्र. पुलिस प्रशिक्षण में साइन लैंग्वेज शामिल करने वाला देश का पहला राज्य पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों को दिया जायेगा विशेष प्रशिक्षण दिव्यांगजन की बातों को समझ सकेंगे आसानी से भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार ने पुलिस प्रशिक्षण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के प्रावधानों के तहत साइन लैंग्वेज को शामिल […]