मथुरा में संघ की दो दिवसीय बैठक शुरु, पदाधिकारी अपने कार्यो को करेंगे साझा
मथुरा में संघ की दो दिवसीय बैठक शुरु, पदाधिकारी अपने कार्यो को करेंगे साझा
अगले साल आरएसएस का शताब्दी वर्ष भव्य उत्सव के रुप में मनाने की बनेगी योजना
मथुरा । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार से यूपी के मथुरा में शुरू हो गई। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दीप प्रज्ज्वलन कर दो दिवसीय बैठक की औपचारिक शुरुआत की। संघ के पदाधिकारी ब्रज प्रांत के परखम स्थित गऊ ग्राम में दो दिन तक मंथन करेंगे। यूपी उपचुनाव से पहले यह बैठक अहम मानी जा रही है।
दीनदयाल उपाध्याय गाय विज्ञान, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के प्रांत एवं सह प्रांत संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक भाग ले रहे हैं। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, सीए मुकुंदा, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार, अतुल लिमये और अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख एवं कार्यकारिणी के सदस्यों सहित 393 कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।
हर साल आरएसएस ऐसी तीन अखिल भारतीय बैठकें आयोजित करता है। सरसंघचालक ने विजयादशमी संबोधन में परिवर्तन के पांच प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख किया था। इनमें सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य और अपने स्वयं के मूल्यों के अनुसार जीना। सभी पदाधिकारी अपने कार्यों को साझा करेंगे और कई विषयों पर चर्चा करेंगे। वे आगामी वर्ष के लिए लक्ष्यों और योजनाओं की रूपरेखा भी तैयार करेंगे और इन मामलों पर वरिष्ठ पदाधिकारियों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करेंगे। गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में संकट के समय आरएसएस द्वारा किए राहत प्रयासों पर भी चर्चा की जाएगी। अगला साल आरएसएस की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। आरएसएस पदाधिकारी शताब्दी वर्ष से संबंधित विशेष संगठनात्मक लक्ष्यों की समीक्षा करेंगे और शताब्दी वर्ष के भव्य उत्सव की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
भागवत इस बैठक के लिए मथुरा में 10 दिन के प्रवास पर थे। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी में होने वाले उपचुनाव में आरएसएस का समर्थन चाहता है। बैठक में आरएसएस की सालभर की कार्य योजना तय की जाएगी। इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगेटिव कंटेंट समेत अन्य कई महत्वपूर्ण मसलों पर मंथन किया जाएगा। पंच परिवर्तन के साथ संघ शताब्दी वर्ष में अपना कार्य विस्तार करेगा। समाज में शांति, परस्पर सौहार्द्र और समरसता भी बैठक की चर्चा में फोकस पॉइंट रहेंगे।
संघ का कहना है कि बैठक में बच्चों पर सोशल मीडिया का गलत प्रभाव, सरकार की तरफ से इंटरनेट रेगुलेशन और जमीनी स्तर पर संगठन के विस्तार पर चर्चा की जाएगी। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर कहते हैं कि शताब्दी वर्ष से पहले संगठन के विस्तार की योजना है। इस बैठक में इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी। दरअसल, आरएसएस प्रमुख ने विजयादशमी संबोधन के दौरान इस बात पर भी चिंता जताई थी कि इंटरनेट के विभिन्न प्लेटफार्मों, खासकर सोशल मीडिया पर बच्चों को कैसे गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने ऐसे कंटेंट के निगेटिव रिजल्ट के बारे में चेताया था और सरकारी रेगुलेशन की जरूरत पर बल दिया था। इस संबंध में मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शांति, सद्भाव और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी और इस दिशा में चल रहे प्रयासों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर योजना बनाई जाएगी।
आंबेकर का कहना था कि इस बात पर भी चर्चा होगी कि जमीनी स्तर पर आरएसएस का विस्तार कैसे जारी रखें। शाखाओं और साप्ताहिक बैठकों समेत 2025 में विजयादशमी तक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना पर भी विचार किया जाएगा। महर्षि दयानंद सरस्वती, बिरसा मुंडा, अहिल्या बाई होल्कर, रानी दुर्गावती और सतगुरु अनुकूल चंद्र ठाकुर जैसी महान हस्तियों के योगदान का जश्न मनाया जाएगा। उनके विचारों और शिक्षाओं को समाज के साथ साझा किया जाएगा।