फ्लाइट टिकट महंगी होने से माननीय भी परेशान, स्पीकर से की सदन में चर्चा की मांग
फ्लाइट टिकट महंगी होने से माननीय भी परेशान, स्पीकर से की सदन में चर्चा की मांग
नई दिल्ली । लोकसभा में गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल में ‘उड़ान’ योजना के तहत किफायती हवाई यात्रा के मुद्दे पर पूरक प्रश्न पूछे गए। इस विषय पर कई सदस्य पूरक प्रश्न पूछना चाह रहे थे। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कई सदस्य इस विषय पर पूरक प्रश्न पूछना चाहते हैं। मैं इस पर किसी दिन सदन में आंधे घंटे की चर्चा करा दूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि शुक्रवार को गैर-सरकारी कामकाज के तहत सदन में इस मुद्दे पर एक निजी विधेयक पर भी चर्चा होगी और सभी सदस्य इस दौरान उपस्थित रहें। स्पीकर ने यह भी कहा कि नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने सदस्यों के प्रश्नों का अच्छी तरह उत्तर दिया है।
भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत ने प्रश्नकाल में दावा किया कि एक ही समय पर एक ही विमान यात्रा की बुकिंग यदि दो अलग-अलग लोग कराएं तो किराए में काफी अंतर होता है। उन्होंने हवाई किरायों को नियंत्रित करने के संबंध में सवाल किया। इस पर नायडू ने कहा कि इस समय डायनामिक हवाई किराया प्रणाली है और इसमें अंतरराष्ट्रीय पद्धति अपनाई जाती है। विमानन कंपनियां मांग के आधार पर किराया तय करती हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टिकट एजेंसी अतिरिक्त राशि वसूलती हैं।
मंत्री नायडू ने कहा कि समय-समय पर इससे संबंधित नियमों में बदलाव होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम मंत्रालय में किफायती यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसी उद्देश्य से उड़ान योजना शुरू की गई है। नायडू के मुताबिक कुछ राज्य विमान ईंधन (एटीएफ) पर 29 फीसदी तक वैट लागू कर रहे हैं और तमिलनाडु सर्वाधिक वैट लेता है। उन्होंने कहा कि 15 राज्यों ने इसे 5 फीसदी से भी कम कर दिया है, वहीं कुछ राज्य अब भी ज्यादा वैट वसूल रहे हैं और इस कारण वहां हवाई किराया महंगा है। उन्होंने कहा कि मैं सदस्यों से अनुरोध करुंगा कि अपने राज्यों में एटीएफ पर वैट का पता करें और इसे कम कराने का प्रयास करें।
नायडू ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल में विमानन क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा कोई ऐसा देश नहीं है जहां हवाई अड्डों की संख्या इस अवधि में 74 से 159 हो गई हो। नायडू ने कहा कि अब हमें कनेक्टिविटी बढ़ानी है और देश में और विमानों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में 340 विमान थे जिनकी संख्या अब 840 हो गई है।