मध्य प्रदेश : डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए कई बाधाओं को पार किया नीलेश रघुवंशी ने

 

                                                      दृढ़ संकल्प और साहस की कहानी

• अपने कंधों पर पारिवारिक जिम्मेदारियों होने के बावजूद नीलेश परिवार की सहायता के लिए अपने घर की सभी आर्थिक दिक्कतों को दूर करने में जुटा रहता है
• महामारी के दौरान दिल दहला देने वाली कहानियों ने NEET पास करने और लोगों की मदद करने के लिए डॉक्टर बनने का सपने को और मजबूत किया है

उटावड़ (धार) : कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का लगभग सभी पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। विशेष तौर से छात्रों पर लॉकडाउन ने बहुत मुसीबत पैदा कर दी है – परीक्षाओं के री-शेड्यूल होने की चिंता, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी ऑनलाइन करना और अनिश्चित भविष्य का डर। लेकिन दुख और संघर्ष के इस दौर ने छात्रों के बीच साहस की कई कहानियों को भी जन्म दिया है। ये कहानियां किसी स्थिति से लड़ने और उस पर काबू पाने तथा विपरीत परिस्थितियों में अवसर खोजने के लिए प्रेरित करती हैं।
ऐसी ही एक कहानी है आकाश इंस्टीट्यूट इंदौर के एक 18 वर्षीय छात्र नीलेश रघुवंशी की जो डॉक्टर बनने की चाह रखता है और मध्य प्रदेश के धार जिले में उटावड़ गांव का रहने वाला है।
नीलेश के पिता एक किसान हैं जिनके पास 3-4 हेक्टेयर जमीन है, जो परिवार की आय का एकमात्र स्रोत है। हालाँकि, पाँच लोगों के परिवार को चलने के लिए पैसों की दिक्कत तो हमेशा ही होती है जिसमे एक दादी, माता-पिता और एक छोटे भाई हो। लॉकडाउन की वजह से पहले ही नीलेश के पास घर में वाई-फाई कनेक्शन या लैपटॉप न होने की वजह से अपने स्कूल और कोचिंग दोनों कक्षाओं को बड़ी मुश्किल से कर पा रहा था। इतना कि एक बार वह एक सप्ताह तक कक्षाओं में नहीं बैठ सका क्योंकि किसी तकनीकी समस्या के कारण उसका फोन ब्लॉक हो गया था।
वाई-फाई आ गया है लेकिन नीलेश अभी भी पढ़ाई के लिए फोन का इस्तेमाल करता है क्योंकि उसके पास लैपटॉप नहीं है। सारि मुसीबतों के बावजूद भी उसने इसे अपने सपनों बीच नहीं आने दिया।
आकाश इंस्टिट्यूट में दाखिले के बाद उसके परिवार ने किसी तरह फीस की पहली किस्त का प्रबंधन कर लिया था लेकिन दूसरी किस्त का भुगतान करने में असमर्थ थे, जिसकी वजह से उसकी पढ़ाई में काफी दिक्कत आ सकती थी। लेकिन आकाश ने पहल की और फीस की चिंता किए बिना उसे अपनी कक्षाएं जारी रखने में मदद की।
नीलेश हमेशा से एक मेहनती बच्चा रहा है, जिसकी जीव विज्ञान में गहरी रुचि रही है, और पिछले साल बोर्ड देने के बाद वह NEET परीक्षा की तैयारी कर रहा है। महामारी के दौरान आम आदमी के सामने आने वाली समस्याओं ने उसे स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों के महत्व का एहसास कराया है, जिससे डॉक्टर बनने का उनका संकल्प और भी मजबूत हो गया है। वह इसे लोगों के दुखों को कम करने में अपने योगदान के रूप में देखता है।
नीलेश कहता है, “मैं बहुत कुछ हासिल करना चाहता हूं, मैं बहुत आगे बढ़ना चाहता हूं और मैं अपने परिवार के जीवन में खुशियां लाना चाहता हूं। मैं अपना जीवन बदलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं, मुझे NEET पास कर के एक अच्छे एमबीबीएस कॉलेज में जाना है और एक अच्छा डॉक्टर बनना है। मुझे अभी एक लंबा रास्ता तय करना है और यह निश्चित रूप से आसान नहीं होगा, लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता रहूंगा। मेरे माता-पिता ने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के अनुसार मझे पला है और मैं उनके लिए भी ऐसा ही करना चाहता हूं। मैं अपने छोटे भाई को लगातार मेहनत से पढाई करने के लिए प्रेरित करता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि शिक्षा ही एकमात्र उपकरण है जिसका उपयोग हम अपने जीवन के बाकी हिस्सों में खुद को सशक्त बनाने के लिए कर सकते हैं।
आकाश इंस्टीट्यूट ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं कि टियर 2 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र जो लॉकडाउन के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। भारत में सभी शाखाओं के शिक्षक छात्रों को सलाह देने, उनकी शंकाओं का समाधान करने और उनकी किसी भी समस्या को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री आकाश चौधरी कहते हैं, “JEE और NEET जैसी परीक्षाओं के लिए सख्त अध्ययन की व्यवस्था आवश्यकता होती है। ऐसी हाई-स्टेक परीक्षाओं को क्रैक करने में महीनों की तैयारी लगती है। जिस प्रकार छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है उसी प्रकार सर्वोच्च शिक्षा प्रदान करना भी है। महामारी ने हमारे पूरे जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, फिर भी हम अपने छात्रों के लिए सर्वोत्तम संभव शिक्षा का माहौल प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं। हम चाहते हैं कि दूरदराज के स्थानों में रहने वाले असाधारण छात्र अपने स्थानों या आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का मौका न चूकें। मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले नीलेश इसका एक आदर्श उदाहरण हैं। मैं उन्हें NEET परीक्षा के लिए शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि वह जीवन बचाने के अपने सपने को पूरा करेंगे।“
जो छात्र आकाश में प्रवेश लेना चाहते हैं, वे या तो तत्काल प्रवेश सह छात्रवृत्ति परीक्षा (आईएसीएसटी) ले सकते हैं या एएनटीएचई (आकाश नेशनल टैलेंट हंट परीक्षा) के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। iACST कक्षा 8वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए हाल ही में शुरू किया गया छात्रवृत्ति कार्यक्रम है जो उन्हें ट्यूशन फीस पर 90% तक छात्रवृत्ति जीतने का मौका प्रदान करता है।

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