Madhya Pradesh : Indore – खुशियों की सौगात , रंग-रोशन के साथ क्रिसमस ट्री
Madhya Pradesh : Indore – खुशियों की सौगात , रंग-रोशन के साथ क्रिसमस ट्री
इंदौर – क्रिसमस को लेकर शहर में रौनक हैं। घर से लेकर बाजार तक क्रिसमस की रौनक दिखाई दे रही है। प्रभु आगमन घर का कोना-कोना सजाया गया है। रंग-रोशन के साथ क्रिसमस ट्री सजाए गया हैं। क्रिसमस पर हर मकान में रंग-रोशन हो रहा है। शहर में क्रिसमस मनाने की परंपरा है। क्रिसमस ट्री भी सजने लगे हैं। 25 दिसंबर के इस पर्व की तैयारी में गिरजाघर सजने लगे हैं और क्रिसमस से जुड़ी वस्तुओं का बाजार मुस्कुराने लगा है। हर जगह सैंटा क्लाज की ड्रेस, क्रिसमस ट्री, ग्रिफ्टस, बेल आदि की साज-सज्जा है। सैंटा क्लाज की ड्रेस 500 रुपये से लेकर 1500 हजार रुपये तक में मिल रही हैं। उपहारों के लिए गिफ्ट स्टोर पर स्नो क्रिसमस ट्री, म्यूजिकल सैंटा क्लाज आदि सज गए हैं। अब बाजार क्रिसमस के लिए भी सज गया है। पाटनीपुरा, राजवाड़ा, मालवा मिल, सी-21 माल, फिनिक्स माल, सपना संगीता, सेंट्रल माल समेत कई जगहों पर क्रिसमस से जुड़ी सामग्री के स्टाल सज गए हैं। शहर में शिवाजी वाटिका स्थित व्हाइट चर्च, सेंट जोजेफ चर्च पाटनीपुरा, पालदा, स्कीम नंबर 78, विजय नगर, छावनी समेत अन्य मिलाकर कुल 15 चर्च हैं। इनमें कैथोलिक के नौ और प्रोटेस्टेंट के छह चर्च हैं।
इंदौर के 127 साल पुराने चर्च
रेड चर्च को इंदौर में बने 127 पूरे साल हो चुके हैं, यह चर्च शहर के सबसे लोकप्रिय गिरजाघरों में से एक है. इस चर्च में ईसा मसीह के जीवन का विवरण चित्रों के माध्यम से किया गया है. इस चर्च का निर्माण सन 1993 में किया गया था, तब से ही यह चर्च शहर के लोगों के बीच में आस्था का केंद्र बना हुआ है. हर साल क्रिसमस पर यहां खास तैयारियां की जाती हैं रेड चर्च क्रिसमस त्योहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी तो इंदौर के लोगों ने की है, क्रिसमस को लेकर शहर के चर्चों को सजाया गया है, इंदौर के सबसे पुराने व्हाइट चर्च और रेड चर्च में भी खास तैयारियां की गई हैं.
127 साल पुराना है रेड चर्च, ब्रिटिश सैनिकों के परिवारों के लिए हुआ था निर्माण
इंदौर का रेड चर्च 127 साल पुराना है, इस रेड चर्च को पल्ली घोषित हुए भी 100 वर्ष से अधिक का समय हो गया है इस रेड चर्च को ब्रिटिश सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों की प्रार्थना के लिए बनाया गया था, जिसका निर्माण 1893 में किया गया था. इस रेड चर्च के नाम के पीछे भी इतिहास काफी पुराना है उस समय रेड और व्हाइट रंग को काफी पहचाना जाता था इसीलिए इंदौर शहर में दो चर्च बनाए गए जिसमें एक चर्च को व्हाइट चर्च और दूसरे चर्च का नाम रेड चर्च रखा गया तभी से यह नाम शहर के लोगों के बीच में प्रचलित है साथ ही इस चर्च की बिल्डिंग का कलर भी हमेशा से लाल ही रखा जाता है इस बिल्डिंग के भवन निर्माण में ब्रिटिश शासन काल की वास्तुकला झलकती है.