अनिल अंबानी (Anil Ambani) को करना होगा 154.5 करोड़ का भुगतान, सेबी ने जारी किया नोटिस
अनिल अंबानी को करना होगा 154.5 करोड़ का भुगतान, सेबी ने जारी किया नोटिस
15 दिनों के अंदर जमा करनी होगी राशि, नहीं तो संपत्तियां व बैंक खाते होंगे कुर्क
नई दिल्ली। अनिल अंबानी जो अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत दिखा रहे हैं, एक बार फिर विवादों में घिर गए। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन्हें और उनके स्वामित्व वाली कंपनियों को 154.5 करोड़ रुपए जमा करने का नोटिस जारी किया है। यह निर्देश रिलायंस होम फाइनेंस की प्रवर्तक कंपनी सहित अन्य छह इकाइयों को धन की हेराफेरी के आरोप में जारी किया है।
सेबी ने नोटिस में साफ लिखा है कि जिन कंपनियों को यह नोटिस भेजा गया है, उनमें क्रेस्ट लॉजिस्टिक्स एंड इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड (अब सीएलई प्राइवेट लिमिटेड), रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट लिमिटेड, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लिमिटेड और रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड शामिल हैं। प्रत्येक इकाई को 25.75 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है, जिसमें ब्याज और वसूली लागत भी शामिल हैं। इन कंपनियों को 15 दिनों के अंदर भुगतान करना होगा, नहीं तो सेबी उनकी संपत्तियों और बैंक खातों को कुर्क करने की कार्रवाई करेगी।
इस साल अगस्त में सेबी ने अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व अधिकारियों सहित 24 अन्य इकाइयों को प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इस पर अंबानी पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। नियामक ने उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों या बाजार नियामकों के साथ पंजीकृत मध्यस्थों में प्रमुख पदों पर नियुक्त होने से रोक दिया था। सेबी के आदेश में कहा गया है कि अनिल अंबानी ने रिलायंस होम फाइनेंस के प्रबंधन स्तर के प्रमुख कर्मचारियों की मदद से धन की हेराफेरी की। अंबानी ने इस राशि को इस रूप में पेश किया कि इससे संबंधित कंपनियों ने कंपनी से कर्ज लिया है। हालांकि, कंपनी के निदेशक मंडल ने ऐसी कर्ज गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए थे, जिनका प्रबंधन ने पालन नहीं किया। अंबानी के लिए यह मामला आर्थिक संकट के बीच उनकी चुनौतियों को और बढ़ा सकता है। अगर कंपनियां नियामक के निर्देशों का पालन नहीं करती हैं, तो संपत्तियों की कुर्की और बैंक खातों की कार्रवाई से उनके वित्तीय भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।