हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का निधन, किडनी की समस्या से थे पीड़ित

हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का निधन, किडनी की समस्या से थे पीड़ित

मुंबई- मनोरंजन जगत से हाल ही में एक बुरी खबर सामने आई है। मशहूर फिल्म मेकर श्याम बेनेगल अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 90 साल की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 20 दिसंबर की शाम अंतिम सांस ली। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री को बड़ी क्षति हुई है और सेलेब्स को बड़ा झटका लगा है। स्टार्स सोशल मीडिया पर दिग्गज फिल्ममेकर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्याम बेनेगल लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे। उनके निधन की पुष्टि उनकी बेटी पिया बेनेगल ने की। उन्होंने 20 दिसंबर की शाम करीब 6:30 बजे अंतिम सांस ली। यह खबर सुनकर उनके फैंस और इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी श्याम बेनेगल ने
मशहूर फिल्ममेकर श्याम बेनेगल की 7 फिल्में हैं कमाल की
दूरदर्शन के लिए बनाया गया उनका धारावाहिक- ‘भारत एक खोज.’

‘मंथन’, ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘भूमिका’ जैसी कई समानांतर फिल्मों के निर्माता और निर्देशक श्याम बेनेगल का निधन हो गया है। भारतीय सिनेमा में अहम योगदान देने वाले श्याम बेनेगल ने आज आखिरी सांस ली। उल्लेखनीय है कि श्याम बेनेगल ने ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘जुनून’, ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ आदि कई फिल्में दीं। ‘अंकुर’ की बदौलत हिंदी सिनेमा को शबाना आजमी नाम की एक्ट्रेस मिलीं। समानांतर सिनेमा के निर्देशन में उनका बहुत बड़ा योगदान था। उनकी पहली फिल्म ‘अंकुर’ को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साथ ही फिल्म ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘जुनून’, ‘आरोहण’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। ‘महाभारत’ की अवधारणा पर उनके द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कलयुग’ आज भी सिनेमा जगत की उत्कृष्ट कृति मानी जाती है। उनकी उर्दू फिल्म ‘सरदारी बेगम’ भी कई वजहों से चर्चा में रही। फिल्म ‘जुबैदा’ भी काफी चर्चा में रही थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द फॉरगॉटन हीरो और वेल डन अब्बा उनकी हालिया फिल्में हैं। श्याम बेनेगल का नाता समानांतर सिनेमा से जुड़ा था। अनंत नाग, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल उनकी फिल्मों के कलाकार थे। एक जुनूनी निर्देशक ने आज अंतिम सांस ली। आज हर किसी को लग रहा है कि समानांतर सिनेमा का युग ख़त्म हो गया है। श्याम बेनेगल ने समानांतर फिल्मों के माध्यम से भारतीय सिनेमा में महान योगदान दिया। उनकी फिल्मों के लिए उन्हें प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी शामिल हैं। उन्हें 1976 में पद्म श्री और फिर 1991 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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