अमरावती के डॉ. प्रवीण ढोले : होमियोपैथी डॉक्टर ने खोजा ऑटिज्म का उपचार और दावा

 

होमियोपैथी डॉक्टर ने खोजा ऑटिज्म का उपचार और दावा

अमरावती के डॉ. प्रवीण ढोले ने पेटेंट के लिए किया आवेदन

Mumbai: अमरावती: ऑटिज्म के बढ़ते मामलों से चिंतित लोगों के लिए एक बढ़ी राहत भरी खबर है। अब ऑटिज्म का उपचार हो सकेगा। इस रोग से ग्रस्त बच्चे भी स्वस्थ होकर सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार कर पाएंगे। अमरावती के योगिराज नगर, तपोवन निवासी डॉ. प्रवीण ढोले ने इस रोग के उपचार को खोज निकाला है। केवल उपचार ही नहीं पीड़ितों के उपचार के लिए अवयशक दवा भी खोजी है। साथ ही उस प्रबंधन प्रणाली को भी ईजाद किया है जिससे की ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चों की बेहतर देखभाल हो सके। इस समय पुणे में रह रहे डॉ. प्रवीण ढोले ने विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने उपचार और चिकित्सा प्रणाली के साथ ही प्रबंधन तकनीक को पेटेंट हासिल करने के लिए आवेदन किया है। उम्मीद है कि दो से चार माह के भीतर पेटेंट मिल जायेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस उपचार प्रणाली और दवा को लंबे रिसर्च के बाद खोजा है। इसी उपचार प्रणाली के आधार पर अब तक ऑटिज्म से ग्रस्त 1000 से अधिक बच्चों का सफल उपचार भी किया है। उपचार के बाद पीड़ित अब सामान्य जीवन जी रहे है। डॉ. प्रवीण ढोले के मुताबिक पिछले एक दशक में विश्व के साथ ही देश में भी लगातार ऑटिज्म के मामले बढ़ रहे है। वर्ष 2017-2019 के बीच आईसीएमआर ने ऑटिज्म को लेकर एक सर्वे किया था इसके मुताबिक देश में करीब 2 करोड़ बच्चे ऑटिज्म का शिकार है। मामलों के बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण गैर जरूरी वैक्सीनेशन है। एक कारण हमारे आसपास का अव्यवस्थित वातावरण है। यह वातावरण मानव निर्मित है। हालांकि कुछ लोग ऑटिज्म को अनुवांशिक रोग मानते है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी इस रोग को लेकर कई गलत धारणाएं भी है। उपचार के अभाव में पालक और परिवार को कई तरह की आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उपचार प्रणाली की खोज के बाद ऐसे पालकों को एक बड़ी राहत मिलेगी।
यह है ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर
डॉ. प्रवीण ढोले के मुताबिक ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर एक प्रकार की डेवलपमेंटल डिसएबिलिटी है जिसमें एक व्यक्ति ठीक प्रकार से कम्यूनिकेट करने और खुद को एक्सप्रेस करने की क्षमता खो देता है. इस बीमारी में दूसरे के व्यवहार और अभिव्यक्ति को समझने की क्षमता कम हो जाती है. इससे पीड़ित लोगों में सामान्य रूप से व्यवहार करने में समस्या होती है.
ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों में लक्षण
डॉ. प्रवीण ढोले ने बताया कि ऑटिज्म से पीड़ितों में प्रमुख रूप से चार लक्षण नजर आते है। इनमें बच्चों में देर से बोलने का विकास, किसी के बुलाने पर जवाब नहीं देना, अकेले रहना ज्यादा पसंद करना और आई कॉनटैक्ट करने से बचना का समावेश है। इसके अलावा भी कुछ अन्य लक्षण पाए जाते है।

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