आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड: 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही और नौ महीने का प्रदर्शन

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड: 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही और नौ महीने का प्रदर्शन

Mumbai: कंपनी की सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय (जीडीपीआई) वित्त वर्ष 2022 के 9 माह में ₹ 133.11 अरब की तुलना में वित्त वर्ष 2023 के 9 माह में बढ़कर ₹ 160.48 अरब हो गई। इस अवधि में इसमें 20.6% की वृद्धि हुई, जो उद्योग की 16.2% की वृद्धि से अधिक है। फसल को छोड़कर, वित्त वर्ष 2023 के नौ माह में कंपनी की जीडीपीआई वृद्धि 19.9% रही, जो इस अवधि में 17.5% की उद्योग वृद्धि से अधिक है।
कंपनी का जीडीपीआई वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में ₹ 54.93 अरब रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में यह ₹ 46.99 अरब था, जो 18.1% की उद्योग वृद्धि के मुकाबले 16.9% की वृद्धि है। फसल को छोड़कर, कंपनी की जीडीपीआई वृद्धि 17.1% रही, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में उद्योग की 16.6% की वृद्धि से अधिक है।
वित्त वर्ष 2023 के 9 माह में संयुक्त अनुपात 104.6% रहा जो वित्त वर्ष 2022 के 9 माह में 111.0% था।
वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 104.5% की तुलना में वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में संयुक्त अनुपात 104.4% रहा।
कर पूर्व लाभ (पीबीटी) वित्त वर्ष 2022 के 9 माह में ₹ 12.73 अरब की तुलना में वित्त वर्ष 2023 के 9 माह में 21.0% बढ़कर ₹ 15.40 अरब हो गया। जबकि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में पीबीटी 10.5% बढ़कर ₹ 4.65 अरब हो गया जो वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में यह ₹ 4.21 अरब था।
Ø वित्त वर्ष 2022 के 9 माह में 6.01 अरब की तुलना में वित्त वर्ष 2023 के 9 माह में पूंजीगत लाभ ₹ 2.94 अरब रहा। वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में पूंजीगत लाभ ₹ 1.52 अरब रहा जो वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में ₹ 1.31 अरब था।
नतीजतन, कर के बाद लाभ (पीएटी) वित्त वर्ष 2022 के 9 माह में ₹ 9.59 अरब की तुलना वित्त वर्ष 2023 में 9 माह में 34.8% बढ़कर ₹ 12.92 अरब हो गया। पीएटी में वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में ₹ 1.28 अरब के कर प्रावधान का उत्क्रमण शामिल है। इसे छोड़कर, वित्त वर्ष 2023 के 9 माह के लिए पीएटी में 21.4% की वृद्धि हुई।
§ वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में पीएटी 11.0% बढ़कर ₹3.53 अरब हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में यह ₹3.18 अरब था।
शेयरों पर औसत रिटर्न (आरओएई) वित्त वर्ष 2023 के 9 माह में 18.1% रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 के 9 माह में 15.1% था। इसी तरह आरओएई वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 14.3% रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में यह 14.6% था।
सॉल्वेंसी अनुपात 30 सितंबर, 2022 को 2.47 गुना की तुलना में 31 दिसंबर, 2022 को 2.45 गुना था, जो 1.50 गुना की न्यूनतम नियामक आवश्यकता से अधिक था। 31 मार्च, 2022 को सॉल्वेंसी अनुपात 2.46 गुना था।

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