इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा, कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया – सदन में बोले पीएम मोदी
इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा, कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया – सदन में बोले पीएम मोदी
हमने भी संविधान में बदलाव किए, लेकिन देश की एकता के लिए…
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान आपातकाल का जिक्र किया और कहा कि इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया। पीएम ने साथ ही कहा कि कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है।
पीएम मोदी ने कहा, गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन 2014 देश के 50 करोड़ ऐसे नागरिक थे जिन्होंने बैंक की शक्ल नहीं देखी थी। 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोलकर के हमने बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए खोले। गरीबी हटाओ इसी कारण जुमला बनकर रह गया। गरीब को इस मुश्किल से मुक्ति मिले ये हमारा मिशन है। जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता है। पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस का सबसे प्रिय शब्द जिसके बिना वो जी नहीं सकते वो है, जुमला। गरीबी हटाओ कांग्रेस का सबसे पसंदीदा जुमला था। क्या आपको देश में टॉयलेट बनाने की भी फुरसत नहीं मिली। आपने गरीबों को दूरदर्शन में देखा है। अखबार में पढ़ा है। आपको पता ही नहीं कि गरीबी होती क्या है।
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करना, संविधान की स्पिरिट को तहस-नहस करना ये कांग्रेस की रगों में रहा है। हम भी सौदेबाजी कर सकते थे लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना। अटल जी ने सौदा नहीं किया। उन्होंने 13 दिन बाद इस्तीफ़ा दे दिया। अटल जी ने कभी सौदेबाजी का रास्ता नहीं अपनाया। उन्होंने कहा, हम भी सौदेबाजी कर सकते थे, लेकिन हमने संविधान का रास्ता चुना। बाजार तब भी लगते थे। खरीद-फरोख्त तब भी होता था। अटल जी ने बाजार और खरीद-फरोख्त के माहौल के बावजूद सौदा नहीं किया। उन्होंने 13 दिन बाद अपनी सरकार का इस्तीफा दे दिया, क्योंकि वे संविधान और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति समर्पित थे।