Madhya Pradesh – Indore: 19 मई को सिंधी साहित्य, संगीत, मूर्ति कला और नृत्य कला से जुड़ी विभूतियों को किया जाएगा सम्मानित
Indore: 19 मई को सिंधी साहित्य, संगीत, मूर्ति कला और नृत्य कला से जुड़ी विभूतियों को किया जाएगा सम्मानित
इंदौर – अखिल भारत सिंधी बोली साहित्य सभा नई दिल्ली की ओर से देश की सात विभूतियों को इंदौर में 19 मई को सम्मानित किया जाएगा। इस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वतंत्रता सेनानी श्री एसपी जयसिंघानी हैं जिनकी आयु 96 वर्ष है। वे देश के सबसे उम्रदराज कार्यक्रम आयोजक हैं। जयसिंघानी जी, ट्रेन हो या फ्लाइट अकेले ही देश के किसी भी नगर की यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं। वे आज भी शारीरिक रूप से फिट हैं। इस कार्यक्रम में इंदौर की अन्य विभूतियों के साथ इंदौर की दो विभूतियां भी सम्मानित हो रही हैं। ये हैं लेखिका श्रीमती रश्मि रामानी और मूर्तिकार श्री महेंद्र कोडवानी । सिंधी बोली साहित्य सभा का यह अपने तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें प्रख्यात क्रिकेटर और कोच नरेंद्र हिरवानी को भी समाज के मंच पर आमंत्रित किया गया है।यही नहीं प्रख्यात सिंधी अभिनेत्री स्व शीला रामानी के परिवार से भी सदस्यों को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया है।
सम्मानित हो रही इंदौर की विभूतियों का परिचय
श्रीमती रश्मि रामानी
श्रीमती रश्मि रामानी,इंदौर सिंधी साहित्य संवर्धन के लिए पुरस्कृत की जा रही हैं। आप वरिष्ठ लेखिका, द्विभाषी कवयित्री एवं अनुवादक हैं। आपने राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद का मैरिट लिटरेरी अवार्ड और मध्यप्रदेश सिंधी साहित्य अकादमी का संत हिरदाराम लाइफ टाइम अवार्ड प्राप्त किया है। इसके साथ ही केंद्रीय हिंदी निदेशालय का राष्ट्रीय पुरस्कार और वर्णमाला उड़ीसा का उदय भारती कविता पुरस्कार भी प्राप्त किया है।
सिंध के इतिहास, साहित्य और संस्कृति पर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सीनियर फैलोशिप भी प्राप्त की है। अनेक संस्थाओं ने आपको सम्मानित किया है।
आप वर्तमान में साहित्य अकादमी के सिंधी एडवायजरी बोर्ड की सदस्य हैं। यह जिम्मेदारी आप पहले भी निभा चुकी है। आपकी कविता, अनुवाद, आलोचना की कुल 30 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सिंधी के साथ हिन्दी में भी आपके काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं इनमें साज चुप है, बीते हुए दिन, स्मृति एक प्रेम की, सदियों पहले मुअन-जो-दड़ो में, सत्तावन कविता स्वप्न शामिल हैं।
आपकी अन्य प्रमुख पुस्तकों में भारतीय ज्ञान पीठ से प्रकाशित अमर प्रेम और सात दिन का सिंधी से हिन्दी में अनुवाद, समकालीन सिंधी कहानियां, काव्य संग्रह पिंजरो, जलावतन वारिस और कभी कभी शामिल हैं। इसके साथ ही बाल साहित्य के क्षेत्र में भी आपने महत्वपूर्ण कार्य किया है। सिंध की लोक कथाओं का अनुवाद नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाशित किया है। आपकी कविताओं का अनुवाद अनेक भाषाओं में किया गया है। पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं निरंतर प्रकाशित होती हैं। जिन अन्य संस्थाओं ने आपको पुरस्कृत किया है, उनमें मध्यप्रदेश सिंधी साहित्य सम्मेलन, राष्ट्र भाषा प्रचार समिति भी शामिल हैं। इन्दौर निवासी प्रख्यात साहित्यकार स्व कृष्ण खटवाणी पर आपने “भारतीय साहित्य के निर्माता” श्रृंखला के अंतर्गत साहित्य अकादमी भारत सरकार के लिए मोनोग्राफ भी तैयार किया है। खटवाणी जी के साहित्य को हिन्दी साहित्य जगत में लाने का आपने महत्वपूर्ण कार्य किया है। श्रीमती रश्मि ने मलेशिया, सिंगापुर और सिंध (पाकिस्तान) की यात्राएं भी की हैं।
बड़े प्रकाशकों ने छापा, प्रदेश की पहली लेखिका जो पुरस्कृत हो रही हैं
श्रीमती रामानी को अनेक बड़े प्रकाशकों ने छापा है। इनमें भारतीय ज्ञानपीठ से कृष्ण खटवानी जी की पुस्तक अपने पराये कहानी संग्रह का प्रकाशन भी शामिल है। इसी तरह सात दिन और अमर प्रेम उपन्यास रामकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित है। रश्मि रमानी ऐसी एकमात्र लेखिका हैं जिनकी पुस्तकें देश के तीन बड़े प्रकाशकों भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली, साहित्य अकादमी नई दिल्ली और नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया से प्रकाशित हो चुकी हैं। अखिल भारत सिंधी बोली साहित्य सभा का पुरस्कार प्राप्त करने वाली वे मध्यप्रदेश की पहली लेखिका हैं।
महेन्द्र कोडवाणी
श्री महेन्द्र कोडवाणी प्रख्यात मूर्तिकार और चित्रकार हैं। आपकी बनाई कलाकृतियां भारतीय संसद में भी प्रदर्शित हैं। अनेक नगरों में आपने सार्वजनिक स्थलों के सौन्दर्यीकरण का दायित्व संभाला है। नई दिल्ली में नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, तकनीकी शिक्षा परिषद, पर्यावरण और वन मंत्रालय, इंदौर में एमेराल्ड हाईट्ज इंटरनेशनल स्कूल, म्यूनिसिपल कार्पोरेशन नागपुर, पंजाब नेशनल बैंक के मुख्यालय, एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के लखनऊ, वडोदरा, हुबली, त्रिवेन्द्रम और तिरूपति एयरपोर्ट् पर साज-सज्जा का कार्य किया है। प्रयागराज, वाराणसी, चित्रकूट, बरेली, नोएडा, हरिद्वार, विश्व धरोहर स्मारक साँची जिला रायसेन, उज्जैन और रायपुर (छत्तीसगढ़)में आपके आर्ट वर्क को बहुत सराहा गया है।आपने विभिन्न शहरों की लोकेशन्स में स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग का कार्य भी बखूबी किया है। इन्हें अनेक सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनमें भारत के राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के राज्यपाल, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन, भारत सरकार के पुरस्कार शामिल हैं।