प्राकृतिक सौंदर्य का बेमिसाल संगम है लद्दाख
UNN@ लद्दाख भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है। यह भारत के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है। भारत गिलगित बलतिस्तान और अक्साई चिन को भी इसका भाग मानता है, जो वर्तमान में क्रमश: पाकिस्तान और चीन के अवैध कब्जे में है। यह पूर्व में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, दक्षिण में भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में जम्मू और कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बल्तिस्तान से घिरा है। अगस्त 2019 में, भारत की संसद ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 पारित किया जिसके द्वारा 31 अक्टूबर 2019 को लद्दाख एक केन्द्र शासित प्रदेश बन गया। लद्दाख क्षेत्रफल में भारत का सबसे बड़ा केन्द्र शासित प्रदेश है। लद्दाख सबसे कम आबादी वाला केन्द्र शासित प्रदेश है।केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख का सीमावर्ती स्थिति के कारण सामरिक दृष्टि से इसका बड़ा महत्व है। लद्दाख, उत्तर-पश्चिमी हिमालय के पर्वतीय क्रम में आता है, जहाँ का अधिकांश धरातल कृषि योग्य नहीं है। यहाँ की जलवायु अत्यन्त शुष्क एवं कठोर है। वार्षिक वृष्टि 3.2 इंच तथा वार्षिक औसत ताप 5 डिग्री सें. है। नदियाँ दिन में कुछ ही समय प्रवाहित हो पाती हैं, शेष समय में बर्फ जम जाती है। सिंधु मुख्य नदी है। केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी एवं प्रमुख नगर लेह है, जिसके उत्तर में काराकोरम पर्वत तथा दर्रा है। अधिकांश जनसंख्या घुमक्कड़ है, जिसकी प्रकृति, संस्कार एवं रहन-सहन तिब्बत से प्रभावित है। पूर्वी भाग में अधिकांश लोग बौद्ध हैं तथा पश्चिमी भाग में अधिकांश लोग मुसलमान हैं। बौद्धों का सबसे बड़ा धार्मिक संस्थान है।लद्दाख कई लोगों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन है। लद्दाख वेकेशन मनाने के लिए और एडवेंचर गतिविधियों के लिए शानदार जगह है। हिमालय की गोद में समुद्र तल से 3542 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लद्दाख प्रकृति से घिरा हुआ है। अगर आप जून में लद्दाख की सैर करने का मन बना रहे हैं तो आप 5 जून से शुरू होने वाले दो दिवसीय सियाचिन लोक महोत्सव का आनंद जरूर उठाए। यह आयोजन लद्दाख की फेमस नुब्रा घाटी में होता है। सियाचिन लोक महोत्सव का यह 6ठा संस्करण है जो कि नुब्रा के चामसेन पोलो मैदान में आयोजित होगा। इस फेस्टिवल की खासियत है कि इसे देखने के लिए देश और विदेश से बड़ी तादाद में टूरिस्ट नुब्रा घाटी आते हैं और इस उत्सव का लुत्फ उठाते हैं। दो दिन चलने वाले इस उत्सव में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के कई पर्यटक आते हैं।