Ratan Tata 1937-2024 : नहीं रहे दिग्गज कारोबारी रतन टाटा, मुंबई के अस्पताल में ली आखिरी सांस
Ratan Tata 1937-2024 : नहीं रहे दिग्गज कारोबारी रतन टाटा, मुंबई के अस्पताल में ली आखिरी सांस
Mumbai: टाटा संस के मानद चेयरमैन और टाटा ट्रस्ट के चेयरपर्सन, व्यवसायी और परोपकारी रतन नवल टाटा का निधन हो गया। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने अपने ‘‘मित्र और मार्गदर्शक” रतन टाटा के निधन की पुष्टि की। सोमवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया, जहां उन्हें उम्र संबंधी बीमारियों के चलते भर्ती कराया गया था।
सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट
7 अक्टूबर को रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ‘अफवाह’ बताकर खारिज किया था। उन्होंने अपने फॉलोअर्स को बताया था कि चिंता की कोई बात नहीं है और वे उम्र से संबंधित चिकित्सा जांच करा रहे हैं।
रतन टाटा की उपलब्धियां
रतन टाटा 1991 में टाटा संस के चेयरमैन बने और 2012 में रिटायर होने तक समूह का नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल में, उन्होंने टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और टाटा समूह को घरेलू कंपनी से एक वैश्विक पावरहाउस में बदल दिया। उन्होंने टेटली, कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे टाटा समूह की ताकत और बढ़ी।
रतन टाटा ने 1960 के दशक की शुरुआत में टाटा ग्रुप में अपना करियर शुरू किया था। शुरुआत में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर चूना पत्थर निकालने और ब्लास्ट फर्नेस को संभालने का काम किया। उन्होंने टाटा ग्रुप के भीतर विभिन्न भूमिकाएं निभाईं और ग्रुप के विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपीरियंस हासिल किया।
रतन नवल टाटा 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष बने और 28 दिसंबर, 2012 को सेवानिवृत हुए। उनके नेतृत्व में समूह का राजस्व कई गुना बढ़ गया। टाटा ग्रुप ने अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार किया और स्टील, ऑटोमोटिव, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, टेलीकम्युनिकेशन और हॉस्पिटैलिटी जैसे विभिन्न उद्योगों में धाक जमाई।
रतन टाटा की उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक रणनीतिक अधिग्रहणों की देखरेख करना था, जिसमें टाटा स्टील द्वारा ब्रिटिश स्टील निर्माता कोरस की खरीद और टाटा मोटर्स द्वारा जगुआर, लैंड रोवर का अधिग्रहण शामिल है।