रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा, छोड़ी शानदार विरासत
रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा, छोड़ी शानदार विरासत
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। उन्होंने यह घोषणा गाबा टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान रोहित शर्मा के साथ की। अश्विन का यह कदम भारतीय क्रिकेट जगत के लिए एक युग का अंत है, क्योंकि उनके करियर में किए गए अद्वितीय योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने कहा, मेरा समय यहीं खत्म होता है। इसके बाद, उन्होंने बिना किसी सवाल के चले जाने का फैसला लिया, जिससे यह संकेत मिला कि उनका यह कदम पूरी तरह से विचारशील था।
अश्विन ने अपने करियर में कुल 106 टेस्ट मैच खेले और इनमें 537 विकेट झटके। इसके अलावा, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3503 रन भी बनाए। टेस्ट क्रिकेट में अश्विन का योगदान बेजोड़ रहा है और वह भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली स्पिनरों में से एक माने जाते हैं। 200 पारियों में उन्होंने 8 बार 10 या उससे अधिक विकेट हासिल किए, जबकि 25 पारियों में पांच विकेट हॉल भी लिया। वह भारतीय टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में अनिल कुंबले के बाद दूसरे स्थान पर हैं। इसके अलावा, अश्विन ने 116 वनडे मैचों में 156 विकेट और 65 टी20 इंटरनेशनल में 62 विकेट लिए। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में छह शतक भी दर्ज हैं, जो उनकी बैटिंग क्षमता को भी दर्शाते हैं।
अश्विन की रणनीतिक समझ और क्रिकेट की गहरी समझ ने उन्हें भारतीय टीम का अहम हिस्सा बनाया। वह भारतीय क्रिकेट के सबसे स्मार्ट खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं और उनके दृष्टिकोण और योजनाओं को क्रिकेट के सबसे बड़े दिग्गजों ने भी सराहा है। उन्होंने कहा, मैंने अपनी यात्रा के दौरान बहुत मजा लिया। रोहित शर्मा और अन्य साथी खिलाड़ियों के साथ ढेर सारी यादें बनाई। हालांकि, हमने उनमें से कुछ को (रिटायरमेंट के कारण) खो दिया है। अश्विन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड का भी धन्यवाद किया। उन्होंने अपनी क्रिकेट यात्रा के समापन के दौरान कहा कि उन्होंने क्रिकेट को अपनी शर्तों पर खेला और वह पूरी तरह से संतुष्ट हैं।