Afghanistan: काबुल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए पहुंचा वायुसेना का स्पेशल विमान
काबुल। अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबान ने जिस तरह से कहर ढाना शुरू किया उसी का नतीजा है कि अब पुरा देश तालिबानी आतंकियों की गिरफ्त में आ गया है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं। हालांकि उनके विमान को तजाकिस्तान में उतरने की इजाजत नहीं दी गई अब वह यूएस में शरण लेने की ताक में हैं। इस सब के बीच पाकिस्तान और चीन की तरफ से तालिबान को काफी मदद मिल रही है। वहीं तालिबान के कहर से बचने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल था। लोग जहाज की बाहर लटककर देश छोड़ना चाहते थे जिसमें तीन लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार काबुल में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। तालिबान के कहर से भारत के नागरिकों को बचाने के लिए भारत सरकार की तरफ से एक वायुसेना का विमान काबुल पहुंच चुका है। अंदाजा है कि भारत के करीब 500 अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारी वहां फंसे हुए हैं। ऐसे में भारतीय वायुसेना का स्पेशल विमान C-17 को काबुल में सुरक्षित उतारा जा चुका है। इससे पहले इस विमान को तजाकिस्तान में उतारना पड़ा था। अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे के बाद से ही कॉमर्शियल फ्लाइट्स की सेवा को यहां के एयरपोर्ट पर बंद कर दिया गया है। लेकिन सेना के जहाजों के जरिए अभी भी यहां से लोगों को निकाला जा रहा है। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना का जहाज अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए काबुल एयरपोर्ट पर पहुंच चुका है। यहां अमेरिकी सैनिकों की मदद से कई देशों के नागरिकों को वतन वापसी में मदद की जा रही है।
भारत की तरफ से भेजे गए इस वायुसेना के विमान ने पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं करते हुए काबुल तक पहुंचने के लिए ईरान के रास्ते का इस्तेमाल किया। कारण साफ था कि एक महीने पहले जब भारतीय वायुसेना का विमान कंधार से अपने यात्रियों को लेकर आ रहा था तो पाकिस्तान ने भारत को अपने एयरस्पेस को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी थी। यहां फंसे भारत के राजनयिक और सुरक्षाकर्मी की संख्या करीब 200 है। जबकि कई भारतीय नागरिक भी यहां फंसे हुए हैं।