UP: योगी सरकार जल्द लाएगी पहली एम सैंड पॉलिसी
रेत के विकल्प के तौर पर एम सैंड को प्रोत्साहित करेगी प्रदेश सरकार
लखनऊ। तेजी से शहरीकरण और बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों के कारण रेत की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। हालांकि, रेत की कमी भारत सहित कई देशों को प्रभावित करने वाली समस्या है। इस समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम सैंड) के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एम सैंड पॉलिसी लाने जा रही है। पॉलिसी के ड्राफ्ट को लेकर बुधवार को भूविज्ञान एवं खनन निदेशालय में अधिकारियों ने विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ गहन चर्चा की। निदेशालय की ओर से इस संबंध में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया, जबकि स्टेकहोल्डर की ओर से भी पॉलिसी पर कई सुझाव दिए गए। स्टेकहोल्डर्स के सुझावों पर विचार विमर्श के बाद फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसे कैबिनेट में रखा जाएगा। बैठक में खनन विभाग की सचिव एवं निदेशक रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कई राज्यों की नीति का अध्धयन करने के बाद पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है। पूरे देश में रेत की बढ़ी कीमतों में वृद्धि के कारण एम सैंड की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही भविष्य में नदियों की रेत के विकल्प के दृष्टिगत भी प्रदेश सरकार पॉलिसी के माध्यम से इसे लागू करना चाहती है। उन्होंने बताया कि नदियों में बालू कम हो गयी है। साथ ही इसके खनन में कई प्रतिबंध भी हैं। निकट भविष्य में हमे रेत मिलना कम हो जाएगी। हमें कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से सीखना होगा जहां 50 से 90 प्रतिशत तक एम सैंड का उपयोग हो रहा है।