108 feet Baghughatu statue of Acharya Shankar Omkareshwar

MP: ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट की बघुघातु प्रतिमा का अनावरण

 

ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट की बघुघातु प्रतिमा का अनावरण

 

मुरैना । ओंकारेश्वर में एकात्मधाम के अन्तर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट की बहुघातू प्रतिमा का अनावरण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितम्बर 2023 को पूर्वान्ह 10:30 बजे से करेंगे।
मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के माध्यम से एल.एन.टी. कंपनी द्वारा स्थापित एकात्मता मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मुरैना जिले की सभी 478 ग्राम पंचायतों में पूर्वान्ह 10:30 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक किया जायेगा। सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को सीधा प्रसारण कार्यक्रम दिखाने के निर्देश जिला पंचायत और शहरी क्षेत्र में सीधा प्रसारण दिखाने के लिये सभी सीएमओ को जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी निर्देश दिये। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम का सीधा लाइव प्रसारण के लिये इन्टरनेट कनेक्शन एवं एलईडी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।

आचार्य शंकर की मूर्ति ओंकारेश्वर में ही क्यों

आचार्य शंकर की मूर्ति (एकात्मता की मूर्ति) ओंकारेश्वर में स्थापना के लिये बताया गया है, कि आचार्य शंकर का जन्म केरल के कालड़ी ग्राम में हुआ। उनकी माता का नाम आर्याम्बा तथा पिता का नाम शिवगुरू था। 08 वर्ष की आयु में बाल शंकर अपनी माँ से आज्ञा प्राप्त कर गुरू की खोज मेंनिकल पड़े।बाल शंकर गुरू की खोज में नर्मदा किनारे चलते-चलते ओंकारेश्वर आए औरओंकारेश्वर में उन्हें गोविन्द भगवदपाद मिले। ओंकारेश्वर में गोविन्द भगवदपाद से बाल शंकर को गुरू दीक्षा मिली।बाल शंकर द्वारा गुरू गोविन्द भगवदपाद के सानिध्य में रहकर लगभग 03 वर्षतक शिक्षा ग्रहण की।आचार्य शंकर द्वारा नर्मदाष्ट्कम की रचना ओंकारेश्वर में ही की गई।गुरू आदेश पर 11 वर्ष की आयु में अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रचार-प्रसार केलिये ओंकारेश्वर से प्रस्थान किया।ओंकारेश्वर में स्थापित होने वाले एकात्म धाम को चिरस्थाई बनाने के लियेएकात्मता की मूर्ति-ैजंजनम व व्दमदमे के अतिरिक्त अद्वैत लोक (शंकरसंग्रहालय) तथा आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापनाकी जा रही है।

एकात्मता की मूर्ति

ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट की बहुधातु प्रतिमा की स्थापनामध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के माध्यम से एल एण्ड टी कम्पनी द्वारा की गयी है। एकात्मता की मूर्ति ैजंजनम व व्दमदमे की स्थापना अद्वैत लोक (शंकर संग्रहालय) के माध्यम में की गई है।अद्वैत लोक तथा एकात्मता की मूर्ति ैजंजनम व व्दमदमे लगभग 11.5हैक्टेयर भूमि पर स्थापित की गई है। 108 फीट की बहुधातु मूर्ति 12 साल के आचार्य शंकर की है।यह मूर्ति पत्थर निर्मित 16 फीट के कमल पर स्थापित है। यह प्रतिमा विख्यात चित्रकार श्री वासुदेव कामत के द्वारा बनाये गये चित्र केआधार पर बनाई गयी है। वासुदेव कामत के द्वारा बनाये गये बाल शंकर के चित्र के आधार पर मूर्ति बनाये जाने के लिये भारत देश के 11 मूर्तिकारों का चयन किया गया। इन 11 मूर्तिकारोंद्वारा 5 फीट की मूर्ति प्रस्तुत करने पर सर्च कम सिलेक्शन कमेटी द्वारा इनमेंसे 3 मूर्तिकारों का चयन किया गया और फिर इन 3 मूर्तिकारों में से श्रेष्ठतमप्रतिकृति प्रस्तुत करने वाले मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे, सोलापुर का चयनकिया गया।प्रतिमा का निर्माण एल.एन.टी कम्पनी के द्वारा श्री भगवान रामपुरे मूर्तिकार, श्रीवासुदेव कामत चित्रकार के मार्गदर्शन में जे.टी.क्यु. चाईना से कराया गया है।यह प्रतिमा 100 टन की है। प्रतिमा 88 प्रतिशत कॉपर, 4 प्रतिशत जिंक तथा 8प्रतिशत टिन के मिश्रण से बनाई गयी है।एकात्मता की मूर्ति कुल 290 पैनल को मिलाकर निर्मित की गयी है।

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