अडानी समूह के नियंत्रण में देश के 13 बंदरगाह, ये केंद्र की रियायती समझौतों का हिस्सा : कांग्रेस
नई दिल्ली, । कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को देश के बंदरगाह क्षेत्र में अडानी समूह के निवेश को तेजी से बढ़ता एकाधिकार करार दिया है। उन्होंने इसे केंद्र की रियायती समझौतों का हिस्सा बताया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि अडानी समूह आज 13 बंदरगाहों और टर्मिनलों को नियंत्रित करता है जो भारत की बंदरगाहों की क्षमता के 30 फीसदी और कुल कंटेनर मात्रा के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। पार्टी ने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 के बाद से इस विकास पथ में तेजी आई है। गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह के अलावा, साल 2015 में धामरा पोर्ट, ओडिशा, 2018 में कट्टुपल्ली पोर्ट, तमिलनाडु, 2020 में कृष्णापटनम पोर्ट, आंध्र प्रदेश, 2021 में गंगावरम पोर्ट, आंध्र प्रदेश और 2021 दिघी पोर्ट, महाराष्ट्र पर भी नियंत्रण कर लिया। उन्होंने कहा की ये स्पष्ट रणनीति है : गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा भारत के ‘गैर-प्रमुख बंदरगाहों’ से विदेशी कार्गो यातायात का 93 फीसदी हिस्सा हैं। कृष्णापट्टनम और गंगावरम दक्षिण में सबसे बड़े निजी बंदरगाह हैं। इसके बाद अडानी समूह ने 2025 तक अपनी बाजार हिस्सेदारी को 40फीसदी तक बढ़ाने के अपने लक्ष्य की घोषणा भी की है और कहा है कि और भी अधिक बंदरगाहों का अधिग्रहण करने के लिए प्रयासरत है।