दिल्ली के आश्रम में महिलाओं की ‘जानवरों जैसी’ हालत की निगरानी करे समिति : कोर्ट
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उत्तरी दिल्ली के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया, जहां लड़कियों को कथित तौर पर ‘जानवरों जैसी’ परिस्थितियों में रखा गया है। न्यायालय ने आध्यात्मिक संस्थान में स्थिति की निगरानी के लिए एक जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जिसमें पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल किरण बेदी भी देखरेख करेंगी। आध्यात्मिक विश्वविद्यालय का नेतृत्व फरार स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित कर रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने महिलाओं और बच्चों की संवेदनशीलता को देखते हुए कहा कि ऐसे संगठनों पर नजर रखने के लिए कुछ सतर्कता बरतने की जरूरत है। पांच सदस्यीय समिति का गठन करते हुए पीठ ने कहा कि इसमें संबंधित जिला न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट, क्षेत्र में अधिकार क्षेत्र रखने वाले पुलिस उपायुक्त (महिला प्रकोष्ठ), सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) का एक नामित सदस्य और महिला एवं बाल विभाग के जिला अधिकारी होंगे, जो संयोजक होंगे और नोडल अधिकारी के रूप में भी कार्य करेंगे। पैनल की निगरानी किरण बेदी करेंगी। मामले में आगे की सुनवाई 27 मई को होगी। इससे पहले 19 अप्रैल को पीठ ने मामले से निपटते हुए संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।