श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति ने कहा, जनता के विरोध को रोकना होगा, यह ‘फासीवाद’ की तरफ बढ़ रहा
कोलंबो। श्रीलंका को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के औपचारिक इस्तीफे का इंतजार है, ऐसे में स्पीकर महिंदा यापा अबेवर्धने ने बुधवार को कहा कि राजपक्षे ने उन्हें सूचित किया है कि वह दिन ढलने तक में अपना इस्तीफा सौंप देंगे। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को राजपक्षे के बुधवार तड़के मालदीव भाग जाने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति नामित किया गया है। विक्रमसिंघे ने पश्चिमी प्रांत में द्वीप-व्यापी आपातकाल और कर्फ्यू लगाने के अलावा पुलिस और सेना को शामिल करते हुए एक सैन्य परिषद नियुक्त की है। कार्यवाहक राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि कानून और व्यवस्था बहाल करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, आईजीपी और ट्राइफोर्स के कमांडरों की एक समिति नियुक्त की गई है। विक्रमसिंघे ने यह भी कहा कि जनता के विरोध को नियंत्रित करना होगा क्योंकि यह फासीवाद की ओर ले जा रहा है।