प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष देबरॉय का निधन
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष देबरॉय का निधन
बिबेक देबरॉय ने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी: पीएम मोदी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय का निधन हो गया है। बिबेक देबरॉय के निधन पर पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते लिखा- मैं डॉ. देबरॉय को कई सालों से जानता हूं। मैं उनकी अंतर्दृष्टि और अकादमिक चर्चा के प्रति उनके जुनून को हमेशा याद रखूंगा। उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति। डॉ. बिबेक देबरॉय एक प्रखर विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों के जरिए उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में भी आनंद आता था।
बिबेक देबरॉय अर्थशास्त्री थे, जो भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। वह वित्त मंत्रालय की अमृतकाल के लिए बुनियादी ढांचे के वर्गीकरण और वित्तपोषण ढांचे की विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष भी थे। देबरॉय ने खेल सिंद्धांत, आर्थिक सिद्धांत, आय और सामाजिक असमानताओं, गरीबी, कानून सुधार, रेलवे सुधार और इंडोलॉजी आदि में महत्वपू्र्ण योगदान दिया। देबरॉय भारत सरकार के थिंक टैक नीति आयोग के साल 2015 से 2019 तक सदस्य भी रहे। उन्हें साल 2015 में पद्मश्री से नवाज गया। उन्हें यूएस-इंडिया बिजनेस समिट द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है। साथ ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मनित किया गया था।
बता दें कि फरवरी 2024 में देबरॉय को उनके विशिष्ट नेतृत्व, सार्वजनिक सेवा, कार्य और दिवालियापन के क्षेत्र में योगदान के0 लिए इन्सॉल्वेंसी लॉ अकादमी एमेरिट्स फेलोशिप सम्मान दिया गया था। बता दें कि बिबेक देबरॉय का जन्म 25 जनवरी 1955 को शिलांग में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके दादा-दादी सिलहट से आए थे, जो अब बांग्लादेश का हिस्सा है। उनके पिता भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा में शामिल थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रामकृष्ण मिशन विद्यालय नरेद्रपुर से पूरी की थी। इसके बाद वह कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में आगे की पढ़ाई करने गए। इसके बाद देबरॉय ट्रिनिटी कॉलेज की छात्रवृति लेकर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गए, जहां उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की।