MP: बीजेपी प्रदेश प्रभारी इंदौर में बोले- हमारी पंचनिष्ठा के सूत्रधार पंडित दीनदयाल
राष्ट्र-समाज को स्वस्थ रखने के लिए अथार्याम जरूरी
बीजेपी प्रदेश प्रभारी इंदौर में बोले- हमारी पंचनिष्ठा के सूत्रधार पंडित दीनदयाल
इंदौर । भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर इंदौर नगर भाजपा ने समर्पण दिवस मनाते हुए अभय प्रशाल स्थित लाभ मंडपम में कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बीजेपी प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की राजनीति में शुचिता और पवित्रता, आचरण और व्यवहार के साथ, अपने चिंतन एवं विचार के आधार पर जिन्होंने सब कुछ दिया, ऐसे महामनीषी, महामानव, महान चिंतक, लेखक, पत्रकार, कुशल संगठनकर्ता एवं महान नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर हम उपस्थित हैं।
राष्ट्र और समाज को स्वस्थ रखने के लिए अथार्याम जरूरी
डॉ. महेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जब समर्पण निधि की बात आती है, तो समर्पण कई प्रकार का होता है। आपका राष्ट्र के प्रति समर्पण कैसा है, आपका समाज के प्रति समर्पण कैसा है और आपका परिवार के प्रति समर्पण कैसा है। जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम आवश्यक है, वैसे ही राष्ट्र और समाज को स्वस्थ रखने के लिए अथार्याम आवश्यक है।अथार्याम में शुचिता एवं पवित्रता होनी चाहिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर समर्पण दिवस के अवसर पर समर्पित भाव से हमें जो कुछ भी दे सकते हैं, छोटी से छोटी राशि भी तन, मन और जीवन समर्पित करने के भाव से पार्टी को समर्पित करना चाहिए। तभी हमारा संगठन स्वावलंबी बनता है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय के प्रणेता और हमारी पंचनिष्ठा के सूत्रधार हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं।
इस दौरान नगर अध्यक्ष सुमित ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा बताए गए दर्शन और विचारों को हम आत्मसात करते हैं। हमारी केंद्र एवं राज्य की सरकारें उन्हीं विचारों के अनुरूप योजनाएं बनाती हैं ताकि लोक कल्याण और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की चिंता हो सके।
आजीवन सहयोग निधि के प्रदेश प्रभारी और पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि जब जनसंघ नाम का संगठन 1951 में बना, तो कुछ लोग राजनीति में शुचिता के लिए अपने समर्थकों और विचार को जानने एवं समझने वाले लोगों से कार्यालय खर्च एवं संगठन के कार्य हेतु वार्षिक निधि के रूप में 25 रुपये प्रतिवर्ष की राशि लेने के लिए निकले।
इसे लेने के लिए कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल, कैलाश जोशी, सुंदरलाल पटवा और सकलेचा सहित नारायण प्रसाद गुप्ता और कैलाश सारंग जैसे नेता इंदौर जैसे बड़े शहरों में दूर-दूर तक जाते, दो-तीन दिन रुकते और प्रत्येक कार्यकर्ता के घर जाकर 10 मिनट रुकते तथा परिवार का हाल-चाल जानते।
इसके पश्चात वार्षिक निधि 100 रुपये से बढ़कर 250 रुपये हो गई। राजनीति में इससे बड़ा शुचिता का उदाहरण नहीं हो सकता कि कोई भ्रष्ट व्यक्ति या गलत धंधा करने वाला संगठन का हिस्सा नहीं बन पाता।
हम कार्यकतार्ओं एवं समर्थकों से छोटी-छोटी राशि लेकर कार्यालय एवं पार्टी संचालन हेतु निधि एकत्रित करते हैं। जब कुशाभाऊ ठाकरे राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब उन्होंने इसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आजीवन सहयोग निधि के रूप में पूरे देश में लागू किया। यह पार्टी के स्वावलंबन, राजनीति में शुचिता और विचार के प्रति आस्था रखने वालों का कार्यक्रम है।