International Women’s Day 2025 : क्यों मनाया जाता है वुमन डे, जानें इसका महत्व और खास बातें
International Women’s Day 2025 : क्यों मनाया जाता है वुमन डे, जानें इसका महत्व और खास बातें
UNN: हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. आजकल महिलाएं घरेलू कामों के अलावा भी अलग-अलग क्षेत्रों में अपने कौशल का प्रदर्शन करती हैं. ऐसे में इस दिन महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों को सम्मानित करने का अवसर होता है. इस दिन का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और समानता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है.
महिला दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई?
1975 में संयुक्त राष्ट्र ने ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष’ मनाते हुए पहली बार महिला दिवस आयोजित किया। इसके दो साल बाद, 1977 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर 8 मार्च को ‘महिला अधिकार दिवस’ घोषित किया। हालांकि, इसका इतिहास इससे भी पुराना है। 28 फरवरी 1909 को अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार महिला दिवस मनाया था।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
1908 में न्यूयॉर्क शहर में महिलाएं बेहतर कार्य स्थितियों, मतदान अधिकार और समान वेतन के लिए सड़कों पर परेड निकाली थी. 1910 में कोपेनहेगन में एक अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन आयोजित किया गया, जहां क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा. पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 19 मार्च 1911 में ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क में मनाया गया था. बाद में महिला दिवस की तारीख को बदलकर 8 मार्च कर दिया गया. तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जा रहा है. 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दी थी. तब से हर साल इसे एक थीम का मनाया जाता है.
पहले महिलाओं को समाज में एक सीमित दायरे में रखा जाता था, लेकिन समय के साथ उनकी स्थिति में सुधार हुआ है. आज महिलाएं न केवल घर के कार्यों को संभालती हैं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से सफलता की मिसाल भी प्रस्तुत कर रही हैं.
आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं, लेकिन फिर भी महिलाओं को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. भेदभाव और घरेलू हिंसा जैसी की समस्याएं आज भी महिलाओं की जिंदगी का हिस्सा है. इस दिन का उद्देश्य इन समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाना और समानता की दिशा में कदम बढ़ाना है.