Apollo Hospitals – रोबोटिक्स द्वारा की गयी 58 वर्षीय मरीज के किडनी ट्यूमर की दुर्लभ सर्जरी
Rare kidney tumour surgery performed on 58 yrs old using Robotics
इंदौर : अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर के यूरोलॉजी, ट्रांसप्लांट एंड रोबोटिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ सौरभ चिपड़े और अपोलो कैंसर सेंटर, नवी मुंबई के यूरो-ऑन्को सर्जन डॉ अश्विन ताम्हनकर के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम ने किडनी के जटिल ट्यूमर का रोबोटिक पद्धति से इलाज किया ।मरीज एक लेखा सलाहकार है, जो मूत्र संबंधी शिकायत के साथ विजय नगर स्थित अपोलो हॉस्पिटल पहुंचे थे। जांच करने पर पता चला कि उन्हें किडनी के निचले हिस्से में एक असामान्य गठान है। किडनी में तीन रक्त वाहिनियां थी, जो सामान्यतः केवल एक ही होती है। ऐसी संरचना जो सर्जन के लिए एक तकनीकी चुनौती थी।
चूंकि ट्यूमर किडनी की परिधि (पेरीफेरी) पर स्थित था, इसलिए किडनी का ज्यादातर भाग बचाते हुए सिर्फ प्रभावित क्षेत्र को हटाने का निर्णय लिया गया । पूरी किडनी को निकालना एक सामान्य ऑपरेशन माना जाता है, परन्तु आधी किडनी निकालना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें तीव्र रक्त स्त्राव (ब्लीडिंग) तथा पेशाब रिसने की समस्या हो सकती है। यह प्रक्रिया पारंपरिक रूप से ओपन सर्जरी के जरिए की जाती है जिसमें एक लंबे चीरे की जरूरत होती है परंतु रोबोटिक असिस्टेंट लेप्रोस्कोपी द्वारा यह छोटे छिद्रों द्वारा की जा सकती है ।
अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर के यूरोलॉजी, एंड रोबोटिक सर्जरी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सौरभ चिपड़े ने कहा, ‘पूरी तरह से जांच के बाद मैंने उन्हें रोबोटिक-असिस्टेड पार्शियल नेफ्रेक्टॉमी करवाने का सुझाव दिया। चूँकि ऑपरेशन के बाद मरीज के लिए अपना समय समय पर परीक्षण इंदौर में ही कराना सुविधाजनक था अतः वे शहर के डॉक्टर से ही ऑपरेशन के इच्छुक थे ।इसलिए मैंने अपोलो हॉस्पिटल नवी मुंबई में जाकर द विंची रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके सर्जरी करने का निर्णय लिया। सफल ऑपरेशन के बाद मरीज बड़ी तेजी से रिकवर हुए और आज वे अपना सामान्य जीवन दोबारा शुरू कर चुके हैं।
डॉ सौरभ ने कहा कि शरीर के महत्वपूर्ण अंगो की सर्जरी करने के लिए आधुनिक रोबोटिक्स तथा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के सहयोग से हमें बेहतर परिणाम मिलते है, तथा मरीज कम समय में पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते है।
इस अवसर पर श्री वरुण (परिवर्तित नाम) ने कहा, “मुझे ख़ुशी है कि मैंने डॉ चिपड़े के साथ अपनी रोबोटिक सर्जरी करवाने का फैसला लिया। साथ ही मैं कहना चाहता हूँ कि किसी के लिए भी ऑपरेशन का निर्णय बहुत भावनात्मक और कठिन क्षण होता है। मेरे और मेरे परिवार के लिए भी यह ऐसा ही था, लेकिन अपोलो हॉस्पिटल में डॉ चिपड़े और उनकी टीम ने मुझे और मेरे परिवार को सहज करने के लिए हर प्रयत्न किया और अतिरिक्त देखभाल की। आज मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ और पहले की तरह अपने परिवार के साथ खुशनुमा समय बिता रहा हूँ। अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर के सीनियर कंसल्टेंट और डायरेक्टर डॉ अशोक बाजपेयी ने कहा, “अपोलो हॉस्पिटल्स हमेशा अत्याधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी लाने में सबसे आगे रहा है जो हमारे मरीजों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है। उच्च शल्य तकनीकों के साथ हमारे शरीर के सामान्य ऊतकों और मांसपेशियों को कम नुकसान पहुंचता है और रिकवरी तेजी से हो पाती है। आज हमें तथा शहर को इस तरह की दुर्लभ सर्जरी करने के लिए डॉक्टर चिपड़े के योगदान पर गर्व है।
डॉ चिपड़े ने भारत के प्रमुख संस्थानों एम्स और एसजीपीजीआई से सर्जिकल प्रशिक्षण और आरपीसीआई, न्यूयॉर्क से रोबोटिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस क्षेत्र में उनका अनुभव हमारे मरीजों के परामर्श और इलाज को अधिक सुविधाजनक बनाता है।
अपोलो हॉस्पिटल ने रोबोटिक यूरोलॉजी हेल्पलाइन भी शुरू की है, जहां मरीज रोबोटिक यूरोलॉजी प्रोसिजर्स और इसके लाभ के बारे में अधिक जान सकते हैं, जहां जरूरत पड़ने पर मुफ्त परामर्श दिया जा सकता है। हेल्पलाइन नंबर 9977167421 है।