Director Tejas Deoskar History of Ground Zeroes unique journey

डायरेक्टर तेजस देवस्कर ने कश्मीर में किए गए “ग्राउंड ज़ीरो” के शूटिंग एक्सपीरियंस को किया साझा, बताई अनूठी यात्रा की कहानी

डायरेक्टर तेजस देवस्कर ने कश्मीर में किए गए “ग्राउंड ज़ीरो” के शूटिंग एक्सपीरियंस को किया साझा, बताई अनूठी यात्रा की कहानी

– डायरेक्टर ने कश्मीर में हुई शूटिंग को ज़िंदगी भर में एक बार मिलने वाला अनुभव बताया, एक ऐसा सफर जिसने मीडिया की कहानियों से परे असली कश्मीर से

Mumbai :  एक्सेल एंटरटेनमेंट की अपकमिंग ड्रामा-थ्रिलर ग्राउंड ज़ीरो अपने दमदार ट्रेलर से पहले ही चर्चा में आ गई है। फिल्म में इमरान हाशमी बीएसएफ कमांडेंट नरेंद्र नाथ धर दुबे की भूमिका में नज़र आएंगे। ये कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और 2001 से 2003 के बीच की बीएसएफ की एक ऐतिहासिक ऑपरेशन पर आधारित है, जिसे बीते 50 सालों का सबसे बेहतरीन ऑपरेशन माना जाता है।
डायरेक्टर तेजस देवस्कर, जो अपनी डिटेल्ड स्टोरीटेलिंग के लिए जाने जाते हैं, कश्मीर में शूटिंग के अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहते हैं, “वैसे भी शूटिंग एक बहुत मेहनत वाला काम होता है, और कश्मीर में शूट करना अपने आप में एक अलग ही एक्सपीरियंस है। मैं इसे ‘चार्म’ कहूंगा क्योंकि तमाम चुनौतियों के बावजूद हमें ऐसे इलाकों में जाने का मौका मिला जहाँ आम लोग नहीं जा सकते, और ये सब पॉसिबल हो पाया एलजी प्रशासन के जबरदस्त सपोर्ट और मिली परमिशन्स की वजह से।” वो आगे कहते हैं, “हमने जैसा सोच रखा था, वैसी ही शूटिंग कर पाए। जिन लोकेशन्स को हम फिल्म के लिए जरूरी मानते थे, वहाँ तक पहुंच पाए। लोकल प्रशासन और लोगों ने भी पूरा साथ दिया। फिल्म के को-प्रोड्यूसर अरहान बगाटी का खासतौर पर शुक्रिया, जिनकी मदद से बहुत सारी चीजें ग्राउंड पर पॉसिबल हो पाईं। उनका और प्रशासन का सपोर्ट हमारे लिए बेहद काम आया।”

डायरेक्टर तेजस देवस्कर ने आगे कहा, “मैं दिल से सरकार और प्रशासन का शुक्रगुजार हूँ, जिन्होंने हमारे लिए ऐसे दरवाज़े खोले जहाँ जाना आमतौर पर मुमकिन नहीं होता। वहां हम कुछ वाकई शानदार शूटिंग कर पाए। कश्मीर एक लोकेशन के तौर पर बेहद खूबसूरत है, बिलकुल जन्नत जैसी, लेकिन उसी के साथ उसमें एक रॉ और असलीपन भी है। हमारी कहानी दोनों पहलुओं को दिखाने की मांग करती थी। क्योंकि ये फिल्म 2001 से 2003 के बीच के बैकड्रॉप पर आधारित है, एक ऐसा वक्त जब कश्मीर में हालात काफी अलग थे और आतंकवाद अपने चरम पर था, तो उस दौर की सच्चाई और आज की खूबसूरती के बीच का फर्क बहुत तीखा था, जिसे हमें कैमरे में कैद करना था।”

उन्होंने लोकेशन के बारे में आगे बोलते हुए कहा, “ये वो इलाका था जो उस वक्त जल रहा था, लेकिन उस आग की बैकड्रॉप में बसी थी दुनिया की सबसे खूबसूरत घाटियों में से एक जिसे अक्सर ‘धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है। यही जो फर्क था, हिंसा और जन्नत के बीच का, वो एकदम अनोखा और अंदर तक झकझोर देने वाला था। इस एहसास को पर्दे पर उतारने के लिए हमें ऐसे लोकेशन्स तलाशने पड़े जो आम पर्यटकों की पहुँच से बाहर हैं, वो जगहें जो अब तक दुनिया से छुपी हुई थीं। किस्मत अच्छी थी कि हम उन जगहों तक पहुँच पाए और उस असलियत को अपनी फिल्म में कैद कर सके।”
शूटिंग एक्सपीरियंस पर रोशनी डालते हुए तेजस देवेस्कर कहते हैं, “हमारी एक्सेक्यूशन टीम कमाल की थी मुंबई से आई टीम और लोकल क्रू, दोनों ने मिलकर शूट को बहुत आसान बना दिया। वहां काम करना वाकई में एक अच्छा अनुभव रहा। करीब 25-26 दिनों के शूट के दौरान हमने कश्मीर के अलग-अलग नज़ारे देखे, वहां के समाज की विविधता महसूस की, स्थानीय लोगों से मिले और कई बार ऐसे अनुभव हुए जो आंखें खोलने वाले थे। अक्सर हम ऐसे इलाकों को सिर्फ मीडिया की नजर से देखते हैं, लेकिन जब खुद जमीन पर जाकर महसूस करते हैं, तो तस्वीर कुछ और ही होती है, ज्यादा सच्ची, ज्यादा गहरी। शूटिंग के दौरान हमें भी यही महसूस हुआ।”
वो आगे बताते हैं, “वो अनुभव किसी सपने जैसा था। कश्मीर में शूट करना वाकई कुछ अलग ही था। मैं जरूर फिर से वहां जाना चाहूंगा और कश्मीर की ज़मीन से जुड़ी और कहानियां भी शूट करना चाहूंगा। यकीन है कि वो कहानियां भी ग्राउंड जीरो जितनी ही असरदार होंगी।”
एक्सेल एंटरटेनमेंट की तरफ़ से आ रही है एक दमदार फिल्म ग्राउंड जीरो, जिसे प्रोड्यूस किया है रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर ने। फिल्म का डायरेक्शन किया है तेजस देवस्कर ने। इस फिल्म को मिलकर बनाने वालों में कासिम जगमगिया, विशाल रामचंदानी, संदीप सी सिधवानी, अरहान बगाटी, टेलिस्मन फिल्म्स, अभिषेक कुमार और निशिकांत रॉय जैसे नाम भी जुड़े हैं। ग्राउंड जीरो, 25 अप्रैल 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है।

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