Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital, Indore – जीवनशैली में परिवर्तन कर अस्थमा रोगी स्वस्थ रह सकते हैं – डॉ. रवि दोसी, कन्सल्टेन्ट

 

जीवनशैली में परिवर्तन कर अस्थमा रोगी स्वस्थ रह सकते हैं – डॉ. रवि दोसी, कन्सल्टेन्ट

Indore – जीवनशैली में बिगड़ा हुआ रहन-सहन और खानपान किसी न किसी रुप में हमारी सेहत पर बुरा असर डालता है। बात करें अस्थमा रोगियों की तो निश्चित ही उनकी बदली हुई जीवनशैली का असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है ऐसे में हमें जीवनशैली में परिवर्तन कर अस्थमा की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है। यहाँ कुछ जीवन शैली में परिवर्तन हैं जो मदद कर सकते हैं और इस बारे में जानकारी दे रहे हैं कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर के डॉ. रवि दोसी

 कन्सल्टेन्ट, पल्मोनरी मेडिसिन- ट्रिगर से बचें
उन चीजों को पहचानें और उनसे बचें जो आपके अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर करती हैं, जैसे कि तंबाकू का धुआं, प्रदूषण, धूल के कण। घर में ऐसे कई काम होते हैं जो अधिकांश महिलाएं करती हैं जैसे- कुकिंग करते समय धुएं और डस्टिंग और क्लीनिंग करते समय धूल के कणों आदि से वे सीधे संपर्क में होती हैं इसलिए उन महिलाओं को घर के कोई भी काम करते वक़्त मास्क का उपयोग करना चाहिए। वहीं जो पुरुष धूम्रपान करते हैं उन्हें अस्थमा होने की संभावना अधिक होती है इसलिए स्मोक करने से भी बचें।
वजन नियंत्रित रखें
अस्थमा के रोगियों को खाने-पीने में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि अधिक वजन होने से अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं, इसलिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
ज्यादा तनाव से बचें
आजकल की व्यस्त जीवनशैली की वजह से तनाव होना स्वाभाविक है। एसे में तनाव अस्थमा के लक्षणों के लिए एक ट्रिगर हो सकता है, इसलिए गहरी सांस लेने, योग या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव को प्रबंधित करने का प्रयास करें।
पर्याप्त नींद लें
नींद की कमी के कारण कई समस्याएं हो सकती है। नींद की कमी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ाती है इसलिए पर्याप्त नींद लेने से अस्थमा के दौरे की बारंबारता को कम करने में मदद मिल सकती है। प्रति रात 7-8 घंटे सोने का लक्ष्य रखें।
खानपान में बरतें सावधानी
यदि आपको अस्थमा है, तो कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ और आहार हैं जिनसे आपको बचना चाहिए, क्योंकि वे किसी भी तरह से अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, खट्टी चीजें और प्रोसेस्ड और ज्यादा वसा वाले खाद्य पदार्थ, जैसे फास्ट फूड, तली चीजें और कोल्ड ड्रिंक आदि के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा अस्थमा से पीड़ित कुछ लोग डेयरी उत्पादों के प्रति संवेदनशील होते हैं, खासकर अगर उन्हें लैक्टोज से एलर्जी है। डेयरी उत्पाद भी शरीर में बलगम को बढ़ा सकते हैं, जिससे अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं।
नियमित रूप से प्राणायाम करें
प्राणायाम आपके फेफड़ों को मजबूत बनाने और आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। अस्थमैटिक मरीज को रोज नियमित रुप से सुबह जल्दी उठकर प्राणायाम करना चाहिए। अपने चिकित्सक से प्राणायाम के प्रकार के बारे में परामर्श करें जो आपके लिए सुरक्षित हैं।
ध्यान रखें ये बातें
कई लोग अपने अस्थमा के लक्षणों को समझने में लापरवाही बरतते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर अधिक बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लें। अस्थमा से संबंधित अधिक परेशानी आने पर किसी फुल टाइम स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अस्थमा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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