क़तर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी हुए रिहा, सात पूर्व नौसेना अधिकारी लौटे भारत
क़तर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी हुए रिहा, सात पूर्व नौसेना अधिकारी लौटे भारत
नई दिल्ली। कतर में पिछले साल आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा मिली थी, जिनमें से सात अधिकारी भारत लौट आए हैं. इसके कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14-15 फरवरी को कतर दौरे की घोषणा की गई. पूर्व नौसेना अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था. भारत के लोगों को 12 फरवरी की सुबह खुशखबरी मिली है कि कतर ने अपनी जेल में बंद भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया है. इस जानकारी के महज कुछ ही घंटों के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रधानमंत्री मोदी के कतर दौरे की आधिकारिक घोषणा की. विदेश मंत्री के मुताबिक 14-15 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी कतर दौरे पर जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी का यह दूसरा कतर दौरा है. आठ भारतीयों की रिहाई से प्रधानमंत्री मोदी के कतर दौरे को जोड़ने की बात को खारिज करते हुए विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे की तैयारी काफी पहले से चल रही थी. ऐसे में इसे संयोग कहा जाएगा. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री 14 फरवरी की दोपहर में दोहा पहुंचेंगे.
दोहा में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ होगी. इस दौरान दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत में भारत और कतर के संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी. इससे पहले जून 2016 में प्रधानमंत्री ने कतर का दौरा किया था. ऊर्जा सुरक्षा को देखते हुए भारत और कतर के पेट्रोलियम क्षेत्र की कंपनियों ने एलएनजी को लेकर बीस साल तक सप्लाई का एक करार किया है जिसके तहत 2028 से कतर भारत को कुल 7.5 MMTP गैस सप्लाई करेगा.
दोनों देशों के बीच करीब बीस बिलियन डॉलर को कारोबार होता है और कतर ने भारत में कई क्षेत्रों में भारी निवेश किया है. कतर में करीब साढ़े आठ लाख भारतीय मौजूद हैं. प्रधानमंत्री के कतर दौरे से दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढावा मिलेगा और मध्य-पूर्व में भारतीय कूटनीति को मजबूती हासिल होगी.