Madhya Pradesh: इंदौर में अफसर पर गोली चलाने वाले की अवैध कोठी जमींदोज, 3 घंटे में कर दिया कोठी का ‘खेल’ खत्म
इंदौर में अफसर पर गोली चलाने वाले की अवैध कोठी जमींदोज
3 घंटे में कर दिया कोठी का ‘खेल’ खत्म
सुबह 5 बजे 7 जेसीबी और 3 पोकलेन मशीन के साथ पहुंची टीम
इंदौर में कब्जा हटाने गए तहसीलदार और पटवारी पर फायरिंग करने वाले आरोपी का घर पुलिस ने ढहा दिया है। रविवार सुबह 5 बजे से कार्रवाई शुरू हुई। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि फायरिंग करने वाले आरोपी सुरेश पटेल व अन्य के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की जा रही है। ऐसी घटना कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोपी सुरेश पटेल की कोठी को ढहाने में 7 जेसीबी और 3 पोकलेन मशीन लगाई गई थीं। करीब तीन घंटे में उसे ध्वस्त कर दिया गया। इधर, आरोपी सुरेश पटेल और उसके ड्राइवर मनोज उर्फ मिट्टी को बाणगंगा पुलिस ने रतलाम से गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया है। पुलिस ने सुरेश पटेल की लाइसेंसी बंदूक भी जब्त की है।
दरअसल, 14 अगस्त बुधवार को अरबिंदो हॉस्पिटल की जमीन से कब्जा हटाने गए तहसीलदार और पटवारी पर वहां मौजूद गार्ड ने फायरिंग कर दी थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे जैसे ही कब्जे पर बुलडोजर चला तो सिक्योरिटी गार्ड ने 12 बोर बंदूक से गोलियां चलानी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गार्ड ने करीब 25 से 30 राउंड गोलियां चलाईं। जानकारी के मुताबिक जिस जमीन से कब्जा हटाया जा रहा था वह ED में अटैच है। गार्ड को पकड़ लिया गया था। बताया जा रहा है कि घटना के दौरान सुरेश पटेल भी मौजूद था।
निगम ने दिए थे कब्जा हटाने का नोटिस
नगर निगम ने शनिवार दोपहर को सुरेश पटेल के परिवार को नोटिस दिया था। इसमें बताया था कि निगम ने 14 और 16 अगस्त को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का नोटिस दिया था। इसका पालन नहीं किया गया। निगम 18 अगस्त को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक यह अवैध निर्माण हटाएगा। आप मौके पर उपस्थित रहे। अगर अनुपस्थिति रही तो भी रिमूवल की कार्रवाई की जाएगी।
गोली कांड से जोड़कर देख रहे वीआरएस आवेदन
इस गोली कांड की जानकारी प्रदेश सरकार तक पहुंच गई है। इस बीच मल्हारगंज क्षेत्र के नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा ने रिटायरमेंट के लिए आवेदन दिया है। उनके इस कदम को घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि तहसीलदार शैवाल सिंह और टीम के साथ नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा भी कब्जा हटाने पहुंचे थे। उनके साथ पटवारी प्रदीप चौहान और मयंक चतुर्वेदी भी थे।