काम का हाइब्रिड मॉडल चाह रहीं IT कंपनियां
Mumbai: वैश्विक महामारी खत्म होने के बाद से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) उद्योग के कार्यबल ने पूरी उम्मीद के साथ इंतजार किया है और देखा है कि क्या उन्हें दोबारा ऑफिस लौटना होगा या फिर वे घर से ही काम करते रहेंगे। भारत का 200 अरब डॉलर का आईटी सेवा उद्योग अपने कर्मचारियों से कैसे काम लेगा इस मसले पर बंटा हुआ दिखता है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने कर्मचारियों से दफ्तर लौटने के लिए कहा है और कहा है कि ऐसा नहीं होने पर उनके वेरिएबल पे पर असर पड़ेगा। नैस्डेक में सूचीबद्ध कॉग्निजेंट ने कर्मचारियों से काम पर लौटने या नौकरी गंवाने की चेतावनी दी है। कंपनियों के एक बड़े वर्ग का मानना है कि भविष्य में काम की प्रकृति हाइब्रिड हो जाएगी। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस (Infosys) ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि वह काम के हाइब्रिड मॉडल की सुविधा अपने कर्मचारियों को देती रहेगी। इन्फोसिस के मानव संसाधन विकास विभाग के समूह प्रमुख शाजी मैथ्यू ने कहा, ‘हम कर्मचारियों के स्वेच्छा से काम पर आने की प्रवृत्ति में इजाफा देख रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि काम के हाइब्रिड मॉडल में दफ्तर से काम करना ज्यादा सही है? भारत में करीब 84 फीसदी कर्मचारी जो हमारे डीसी स्थानों (डेवलपमेंट सेंटर) के पास रहते हैं वे हाइब्रिड मॉडल में कार्यालय आ रहे हैं।ष वे सप्ताह में कम से कम एक दिन दफ्तर से काम करते हैं।’ इन्फोसिस ने अपने कर्मचारियों को अधिक सहूलियत देते हुए उनके घर के पास भी कार्यालय खोले हैं। बीते वर्षों में कंपनी ने इंदौर, नागपुर, हुबली, विशाखापत्तनम, कोयंबत्तूर, मुंबई और नोएडा में नए दफ्तर खोले हैं।
मैथ्यू ने समझाया, ‘कार्य के इस हाइब्रिड मॉडल का मकसद कर्मचारियों के बीच सामाजिक पूंजी का निर्माण और उसे बरकरार रखने से सहयोग, नवोन्मेष और आत्मविश्वास भी बढ़ाने में मदद करेगा।’ इन्फोसिस (Infosys) ने अभी तक अपने कर्मचारियों के दफ्तर आने के लिए कोई दिन तय नहीं किया गया है मगर अन्य कंपनियां चाहती हैं कि कर्मचारी सप्ताह में कम से कम तीन दिन जरूर दफ्तर से काम करें।