MP# केन-बेतवा लिंक परियोजना बुन्देलखण्ड में विकास का नव सूर्योदय – मंत्री तुलसीराम सिलावट
परियोजना के माध्यम से लगभग 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होगी सिंचाई
सिलावट ने जताया प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार
इंदौर : संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने केन बेतवा लिंक की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया है। उन्होंने इस परियोजना में रुचि और तत्परता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का भी आभार जताया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा है कि यह परियोजना बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने में मील का पत्थर साबित होगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना के मूर्त रूप लेने पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास और प्रगति का एक नया सूर्योदय होगा।
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना अन्तर्गत प्रायद्वीपीय भारत का महत्वपूर्ण घटक माना है। केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वप्न के रूप में एक महत्वकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है। इस परियोजना में केन, बेतवा एवं इनकी सहायक नदियों पर बांधों का निर्माण कर जल संग्रहित किया जाएगा, जिससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के अन्तर्गत मूर्त रूप लेने वाली केन-बेतवा लिंक देश की पहली राष्ट्रीय परियोजना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से परियोजना के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, उत्तरप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के मध्य त्रिपक्षीय समझौता अनुबंध (एम.ओ.ए.) 22 मार्च 2021 को निष्पादित किया गया। शीघ्र ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारम्भ किया जायेगा।
परियोजना के उद्देश्य
केन नदी मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र की एक प्रमुख नदी है, जिसकी कुल लम्बाई 470 किलोमीटर है। यह नदी मध्यप्रदेश के कटनी जिले से निकल कर उत्तरप्रदेश में यमुना नदी में मिलती है। केन नदी 292 किलोमीटर मध्यप्रदेश में बहती है, 51 किलोमीटर दोनों राज्यों की सीमाओं पर बहती है तथा 84 किलोमीटर उत्तरप्रदेश राज्य में बहती है। आजादी के बाद से मध्यप्रदेश केन नदी के जल का बिल्कुल भी उपयोग नहीं कर पा रहा है। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दौधन के पास एक बांध बनाकर केन नदी के जल का रोका जायेगा तथा दौधन बांध से 221 किलोमीटर लम्बी एक लिंक नहर का निर्माण कर केन बैसिन के 1074 एम.सी.एम. अतिशेष जल को बेतवा बैसिन में पहुंचाया जायेगा। परियोजना का कुल डूब क्षेत्र 09 हजार हेक्टेयर है। डूब क्षेत्र से 10 गाँवों के 1913 परिवार विस्थापित होंगे।
परियोजना के लाभ
परियोजना के मूर्तरूप लेने पर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी। मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 08 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा तथा खुशहाली आएगी। जल संकट से प्रभावित प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से भू-जल स्तर की स्थिति सुधरेगी। परियोजना से प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ निवाड़ी, दमोह, सागर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा, रायसेन जिले लाभांवित होंगे। परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग पूर्णरूप से मध्यप्रदेश करेगा। जल आपूर्ति होने पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगीकरण एवं निवेश को बढ़ावा मिलेगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। स्थानीय स्तर पर आमजन में आत्मनिर्भरता आएगी तथा क्षेत्र से लोगों का पलायन रुकेगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। परियोजना से उत्तरप्रदेश के 02 लाख 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना से पन्ना जिले का 70 हजार हेक्टेयर, छतरपुर जिले का 3,11,151 हेक्टेयर, दमोह जिले का 20,101 हेक्टेयर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले का 50,112 हेक्टेयर, सागर जिले का 90 हजार हेक्टेयर, रायसेन जिले का 6 हजार हेक्टेयर, विदिशा जिले का 20 हजार हेक्टेयर, शिवपुरी जिले का 76 हजार हेक्टेयर एवं दतिया जिले का 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हो सकेगा तथा पर्याप्त पेयजल भी उपलब्ध हो सकेगा।
परियोजना की लागत
परियोजना की वर्तमान लागत 44,605 करोड़ रूपये है, जिसका 90 प्रतिशत अंश केन्द्र सरकार द्वारा एवं 10 प्रतिशत अंश राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जायेगा।
परियोजना अन्तर्गत विस्थापन एवं पुनर्वास की स्थिति
केन-बेतवा परियोजना का कुल डूब क्षेत्र 9 हजार हेक्टेयर है। डूब क्षेत्र में मध्यप्रदेश के 10 गांवों 1913 परिवारों का विस्थापन अपेक्षित है। निःसंदेह मानव समुदाय को उसके इच्छा के विरूद्ध उसके नैसर्गिक स्थान से विस्थापित किया जाना उचित नहीं है, किन्तु व्यापक दृष्टिकोण से विकास और समृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह अपरिहार्य है। मध्यप्रदेश की लोक कल्याणकारी सरकार सर्वदा जनहित के कार्यों में संलग्न है। सरकार विश्वास दिलाती है कि परियोजना के अन्तर्गत किये जाने वाले भूमि अधिग्रहण का समुचित प्रतिकर प्रभावितों को प्रदान किया जायेगा तथा डूब क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले विस्थापितों के पुनर्वास हेतु विधिवत् समुचित प्रबंध किये जायेंगे।
मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री की भूमिका
मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट द्वारा विभाग का पदभार ग्रहण करने तुरन्त बाद की गई पहली विभागीय समीक्षा बैठक में केन-बेतवा लिंक परियोजना को विस्तार पूर्वक समझा तथा परियोजना से संबंधित विवादों का निराकरण कर योजना को मूर्त रूप देने का निश्चय किया। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया कि वे विवादों को समाप्त करने की सार्थक पहल करें। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर इस महत्वाकांक्षी परियोजना को शीघ्र प्रारम्भ करने का आग्रह किया। साथ ही मंत्री श्री सिलावट द्वारा उत्तरप्रदेश के सिंचाई मंत्री से भी परियोजना के संबंध में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाये जाने का अनुरोध किया। मंत्री श्री सिलावट द्वारा विभागीय अधिकारियों को समय-समय पर यथोचित निर्देश दिये गये कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण अपना कर विवादों को सहभागितापूर्ण ढंग से निराकृत करें, ताकि परियोजना का शुभारंभ किया जा सके। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के अथक प्रयासों ने अंततः मूर्त रूप लिया और शीघ्र ही केन-बेतवा लिक राष्ट्रीय परियोजना का शुभारंभ होने जा रहा है।