Madhya Pradesh : इंदौर में स्टेट प्रेस क्लब के ‘रूबरू’ कार्यक्रम में शामिल हुए देश के मसाला किंग

 

Madhya Pradesh : इंदौर में स्टेट प्रेस क्लब के ‘रूबरू’ कार्यक्रम में शामिल हुए देश के मसाला किंग

रूबरू कार्यक्रम से पूर्व महाशय राजीव गुलाटी, एमडीएच की सेल्स डायरेक्टर ज्योति गुलाटी, प्रेम अरोड़ा का स्वागत स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश की ओर से प्रवीण कुमार खारीवाल, नवनीत शुक्ला, आलोक ठक्कर, सोनाली यादव एवं विवेक बर्वे ने किया। रूबरू कार्यक्रम में महाशय राजीव गुलाटी से संवाद कर रहे पत्रकार एवं संस्कृतिकर्मी आलोक बाजपेयी ने अपने रोचक एवं गंभीर दोनों ही प्रकार के सवालों से खूब प्रभावित किया। स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश की ओर से अतिथियों को स्मृति चिह्न रवि चावला एवं सुदेश गुप्ता ने प्रदान किए। अंत में आभार प्रदर्शन विवानसिंह राजपूत ने किया। इस अवसर पर एमडीएच समूह के सुशील मनसोत्रा, नितिन देशकर, आतिश जाधव एवं सौरभ सिंह भी उपस्थित थे। रिपोर्ट अनिल भंडारी

इंदौर। आमतौर पर पंसारी की दुकान से फुटकर खरीदे जाने वाले भारतीय मसाले आज विश्व के अनेक महाद्वीपों में भारतीय स्वाद की खुशबु बिखेर रहे हैं। ये बातें देश के प्रमुख उद्योग समूह एमडीएच के अध्यक्ष सहप्रबंध निदेशक महाशय राजीव गुलाटी ने स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा कार्यक्रम ‘रूबरू’ में कहीं। वे इंदौर में एमडीएच मसालों के वृहद वेयर हाउस का शुभारंभ करने के लिए संक्षिप्त प्रवास आए थे। इस वेयर हाउस से देश के पश्चिमी हिस्से में एमडीएच के उत्पाद सुगमता से वितरित किए जा सकेंगे। उन्होंने घोषणा की दो वर्ष के भीतर इंदौर में एमडीएच उद्योग समूह की विश्वस्तरीय फैक्ट्री भी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इंदौर देश का दिल है एवं यहां देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाय करना बेहद फायदेमंद एवं आसान है। उन्होंने इंदौर में अपने उद्योग के विस्तार को भगवान महाकाल की प्रेरणा से फल बताया।


‘मसाला किंग’ के नाम से विख्यात महाशय राजीव गुलाटी ने कहा कि महाशय धर्मपालजी गुलाटी को देश में सबसे पहले पैकबंद मसालों की शुरुआत करने का श्रेय जाता है। उन्होंने समय के साथ कदमताल करते हुए सबसे पहले अखबारों में विज्ञापन, फिर रेडियो में कार्यक्रम का प्रायोजन और टीवी चैनलों के उदय के साथ इस माध्यम में भी सबसे पहले विज्ञापन की शुरुआत की। महाशयजी ने देश में कार्पोरेट जगत के लिए सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) की अनिवार्यता से पहले ही स्वप्रेरणा से कंपनी की कमार्ई का बड़ा हिस्सा समाज के हित में लगाने की शुरुआत कर दी थी। आज भी एमडीएच उद्योग समूह सीएसआर की प्रतिबद्धता से कई गुना अधिक धनराशि शिक्षा, स्वास्थ, गौशाला, आर्य समाज एवं भारतीय संस्कृति के उन्नयन एवं संरक्षण के लिए खर्च करता है। उन्होंने कहा कि एमडीएच उद्योग समूह आज भी अपने पितृपुरुष महाशयजी के आदर्शों एवं उनके दिए सफलता के सूत्रों- ईमानदारी से मेहनत करो, मृदुभाषी बनो एवं परमात्मा एवं माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सदकार्य करो, के अनुसार कार्य कर रहा है।
महाशय राजीव गुलाटी ने हिन्दुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड द्वारा एमडीएच उद्योग समूह का 15 हजार करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया जा रहा है इस खबर को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि एमडीएच जैसी लाभ की कंपनी और कैशरिच कंपनी को कोई क्यों बेचना चाहेगा? एमडीएच हमारे लिए परम्परा का निर्वहन है और इसे बेचने का ख्याल भी उनके दिल में कभी नहीं आ सकता। उन्होंने अपनी कंपनियां विदेशी कंपनियों को बेचने के ट्रैंड को भी गलत बताया और कहा कि कुछ सौ करोड़ रुपए मिल जाने से, लेकिन अपनी पहचान छिन जाने से नुकसान ही होता है। गुलाटी ने एमडीएच के विज्ञापनों में पहले उनके पिताजी और अब उनके नजर आने के पीछे यह राज बताया कि इस तरह न केवल वे लोगों से जुड़ते हैं बल्कि किसी व्यावसायिक अभिनेता को दी जाने वाली धनराशि को बचाकर कुछ और सेवा कार्य भी किए जा सकते हैं। उन्होंने कंपनी की जरूरत के अनुरूप अपने लुक को बदलकर मैच्योर एवं अनुभवी दिखने के लिए दाढ़ी बढ़ाने की रोचक यात्रा को भी सुनाया। ई कॉमर्स में बढ़ते विज्ञापन के दौर में स्वाद से जुड़ी कंपनी ख़ुद को कैसे आगे बड़ाई के प्रश्न के जवाब में श्री गुलाटी ने कहा कि इस क्षेत्र में सिर्फ़ स्वाद के चाहने वाले और उनमें भी जीन पर भरोसा हो उन्हीं उद्योगों को सफलता मिलती है। ऐसे में इस क्षेत्र में सिर्फ़ दिखावटी प्रतियोगिता नहीं हो सकती वरन् वो उद्योग ही सफल हो पा रहे है जिनके स्वाद एक से हो और जो जनता में ख़ुद की स्थापित कर चुके हो ।

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