मोदी सरकार का बजट सिर्फ रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल – कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

 

मोदी सरकार का बजट सिर्फ रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल – कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा पेश अंतरिम बजट सिर्फ रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल है तथा इसमें गरीबों और मध्य वर्ग लिए कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने जितने वादे किए गए, उनमें से कितने पूरे हुए। खरगे ने एक बयान में कहा, ‘‘ मैंने बजट भाषण सुना। मैंने सोचा था कि वित्त मंत्री गरीब और मध्यम वर्ग के लिए नई योजनाएं लाएंगी। उनकी तकलीफ़ों को कम करने के लिए कुछ घोषणाएं होंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।” उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल की तरह मोदी सरकार का अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल है।
खोखले दावे करना इस सरकार की आदत
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसमें ठोस कुछ नहीं है, बड़े-बड़े और खोखले दावे करना इस सरकार की आदत है।” खरगे ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि वे 2014 और 2024 की तुलना करने के लिए श्वेत पत्र सदन में रखेंगी। उनको बताना चाहिए कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने जितने वादे किए गए, उनमें से कितने पूरे हुए? कितने बाक़ी हैं? बजट में उन वादों का कोई ज़िक्र नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘सालाना दो करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुनी करना, 2022 तक सभी को पक्का घर, 100 स्मार्ट सिटी, ये सभी वादे आज तक पूरे नहीं हुए।
2014 में जो कृषि विकास दर 4.6 प्रतिशत थी, वो इस साल 1.8 प्रतिशत कैसे हो गई? संप्रग सरकार के दौरान हमारी खेती चार प्रतिशत औसत से बढ़ती थी, वो आधा क्यों हो गई? क्यों 31 किसान हर रोज़ आत्महत्या करने पर मजबूर हैं?” कांग्रेस अध्यक्ष ने यह सवाल भी किया, ‘‘2014 में शिक्षा का बजट जो कुल बजट का 4.55 प्रतिशत था, वो गिरकर 3.2 प्रतिशत कैसे हो गया? एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए आवंटन कुल बजट की तुलना में लगातार क्यों गिर रहा है? रक्षा बजट और स्वास्थ्य बजट में लगातार गिरावट क्यों जारी है?”
बेरोज़गारी 45 साल में सबसे अधिक क्यों हैं?
खरगे ने कहा, ‘‘पूरे बजट में नौकरी शब्द केवल एक बार इस्तेमाल किया गया है। बेरोज़गारी 45 साल में सबसे अधिक क्यों हैं? मोदी सरकार ने तीन करोड़ से ज़्यादा लोगों की नौकरियां क्यों छीनी? हर महीने पेपर लीक क्यों होते हैं?” उन्होंने कहा, ‘‘आसमान छूती महंगाई से हर कोई परेशान है। ज़रूरी वस्तुओं पर 5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत जीएसटी क्यों लगाया? आटा, दाल, चावल, दूध, सब्ज़ियों के दाम क्यों बढ़ते जा रहे हैं? यह बताने वाला कोई नहीं है।” कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, ‘‘वित्त मंत्री दावा करती हैं कि आम आदमी की आय बढ़ी है। ये झूठ है, सच है कि पिछले 5 वर्षों में ग्रामीण भारत का वेतन घटा है। ग्रामीण दिहाड़ी 10 साल में बढ़ने के बजाय गिरी है।”
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री जी ने पूरे बजट के भाषण में मनरेगा का नाम तक नहीं लिया। क्योंकि संप्रग के वक़्त 100 दिन का काम मिलता था, वो अब केवल साल में 48 दिन रह गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का बजट भी कुल बजट की तुलना में इस सरकार ने कम किया है। महिला श्रम बल भागीदारी जो 2005 में 30 प्रतिशत थी वो अब 24 प्रतिशत क्यों हो गई?” खरगे ने सवाल किया कि कांग्रेस-संप्रग सरकार के दौरान देश की औसत आर्थिक विकास दर जो नयी श्रृंखला के मुताबिक, 8 प्रतिशत थी, वो इस सरकार में लुढ़ककर 5.6 प्रतिशत पर क्यों पहुंच गई? उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दरअसल किसी भी बजट के दो काम होते है: एक पिछले साल का ब्योरा होता है और दूसरा आने वाले साल के लिए दृष्टिकोण होता है। इस बजट में ये दोनों ही चीजें गायब हैं।

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