अटल अखाड़े की पेशवाई में 500 से ज्यादा साधु-संत और 100 से ज्यादा नागा संत हुए शामिल

अटल अखाड़े की पेशवाई में 500 से ज्यादा साधु-संत और 100 से ज्यादा नागा संत हुए शामिल

लाठियां भांजी, फरसा लहराए और त्रिशूल लेकर चल रहे

प्रयागराज । महाकुंभ मेला के लिए सभी अखाड़ों से जुड़े साधु-संतों का प्रवेश अब मेला क्षेत्र में होने लगा है। बुधवार 1 जनवरी को चौथे अखाड़े की पेशवाई (छावनी प्रवेश) हुई। श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़े की पेशवाई में सबसे आगे देवता के रूप में भगवान गणेश और धर्म ध्वजा निकाली गई। इसके पीछे महामंडलेश्वर रथ और बग्घी पर सवार होकर निकले। इसके पीछे भस्म-भभूत लपेटे संतों ने लाठियां भांजी, फरसा लहराए और त्रिशूल लेकर चल रहे थे। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मा सरस्वती महाराज की अगुवाई में 500 से ज्यादा साधु-संत और 100 से ज्यादा नागा संत महाकुंभ में बने अपने शिविर में प्रवेश कर गए। 5 किमी की यह यात्रा करीब 2 घंटे में पूरी हुई।
अखाड़े के श्रीमहंत बलराम भारती ने बताया कि पेशवाई बख्शी बाध पुलिस चौकी के पास स्थित अखाड़े से निकाली गई। निराला मार्ग से होकर महानिर्वाणी अखाड़ा, बेणी बांधव मंदिर, दारागंज अड्डा, गंगा भवन, निरंजनी अखाड़ा होते महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचेगी। त्रिवेणी मार्ग से सेक्टर 20 में अखाड़े के शिविर में प्रवेश करने वाले है। यह यात्रा करीब 5 किलोमीटर की है।

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