Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में होगा प्रदेश की सबसे लम्बी मूर्ति का निर्माण

 

मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में होगा प्रदेश की सबसे लम्बी मूर्ति का निर्माण

पौराणिक व ऐतिहासिक स्थल ओंकारेश्वर में बनेगी शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा 
सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स ने की रूपरेखा डिजाइन 
जगह:ओंकारेश्वर रूपांकन समूह:सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स (भारत)

ओंकारेश्वर : स्टैच्यू ऑफ वननेस के निर्माण की घोषणा कर ओंकारेश्वर ने आज दुनिया को आने वाली एक शानदार परियोजना की सूचना तो दी ही है साथ ही साथ,भारतीय ज्ञान और परम्परा के शाश्वत स्तोत्र को भी दोहराया है। एक संग्रहालय और अद्वैत वेदांत के अंतरराष्ट्रीय संस्थान के साथ-साथ आचार्य आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची यह बहु धातु मूर्ति के निर्माण का उद्देश्य समावेशी वेदांत आधारित दर्शन और  देश की एकता व अखंडता को प्रतीकात्मक रूप से देश दुनिया तक पहुंचाना है। यह प्रतिमा आदि गुरू शंकराचार्य को समर्पित है जिन्होंने ब्रह्मसूत्रभाष्य (ब्रह्म सूत्र पर टिप्पणी) की अवधारणा से पूरे विश्व को अवगत कराया। यह सूत्र  हिंदू धर्म के वेदांतों के मूल स्वर और एकता की परिकल्पना को अभिव्यक्त करता है। आज, अपने आप में अनोखी और आने वाले समय में मध्यप्रदेश का आकर्षण बनने वाली इस विशाल परियोजना को साकार रूप देने की और पहला कदम उठाया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने इस भव्य व कल्पनातीत परियोजना की कल्पना आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास और एमपीएसटीडीसी के मार्गदर्शन में की जिसमें गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा के साथ एक संग्रहालय परिसर भी होगा, जो पारंपरिक मंदिर स्थापत्य शैली के अनुरूप होगा। संग्रहाल में 3डी होलोग्राम प्रोजेक्शन गैलरी, कलाकृतियां, एक चौड़ी स्क्रीन थिएटर और अद्वैत नर्मदा विहार नामक एक सांस्कृतिक नाव की सवारी भी होगी, जहां आगंतुक व पर्यटक आचार्य शंकर की महान शिक्षाओं और उपाख्यानों के माध्यम से एक ऑडियो-विजुअल यात्रा का आनंद ले सकेंगे। अद्वैत वेदांत से संबद्ध आचार्य शंकर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट में वेदांत के अद्भुत सिद्धांत का विस्तृत अध्ययन, बेहतर तरीके से उन्हें समझना और साझा करने के लिए एक केंद्र के तौर पर काम करेगा ।
स्टैच्यू ऑफ वननेस के उद्घाटन समारोह के इस मह्त्वपूर्ण अवसर पर मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री,श्री शिवराज सिंह चौहानके साथ हीस्टैच्यू ऑफ वननेस के प्रमुख वास्तुकार श्री दीक्षु सी कुकरेजा की उपस्थिति भी दर्ज की गई. इस अदाद्भुत विशालकाय परियोजना को सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स द्वारा डिजाइन किया गया है। इस मौके पर श्री कुकरेजा ने इस विशाल आर्किटेक्चरल मिरेकल की झलक पेश कर मौजूद प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों के साथ मौके पर आए मेहमानों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर अयोध्या शहर को रीडिजाइन करने से लेकर आईआईएम, बोधगया जैसे पर्यावरण अनुकूल(इकोफ्रेंडली) शिक्षण संस्थानों और पाथवे स्कूल से लेकर भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार तक कई भव्य एवं महत्वपूर्ण परियोजनाओं को डिजाइन करने वाले श्री कुकरेजा ने भावुक होते हुए कहा, “सीपीकुकरेजा आर्किटेक्ट इस अद्वितीय स्टेच्यू ऑफ वननेस को जीवंत करने को लेकर काफी भावुक हैं। यह हमारे लिए निश्चित तौर पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है. परियोजना के बारे में विस्तार से बात करते हुए उन्हने आगे जोड़ा, “सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स मान्धाता पर्वत की गोद में बसे ओंकारेश्वर में महान शंकराचार्य की इस अप्रतिम मूर्ति बनाने के इस प्रतिष्ठित विश्वस्तरीय परियोजना से जुड़कर हम बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। यह परियोजना दुनिया भर के लोगों को  अद्वैत वेदांत की अवधारणा को समझने और इसका गहन अध्ययन का आमंत्रण है।
यह सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “वसुधैव कुटुम्बकम – विश्व एक परिवार है” के अभियान को मजबूती देने के साथ ही मानवता के साथ पूरे शव को जोड़ने और एक मंच पर लाने का उद्देश्य पूरा करेगा।  स्टैच्यू ऑफ वननेस के साथ, एमपी लगभग सभी धर्मों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के केंद्र के  रूप में अपनी स्थिति को सुदृढ़ करेगा ” प्रतिमा का उद्घाटन 15 अगस्त, 2023 तक होना निश्चित किया गया है।

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