अंतिम विदाई: PM मोदी ने सीडीएस रावत समेत सभी जवानों को दी श्रद्धांजलि
New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर और 10 अन्य रक्षा कर्मियों के पार्थिव शरीर पर बृहस्पतिवार को पालम हवाई अड्डे पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इनके पार्थिव शरीर एक सैन्य विमान से दिल्ली लाये गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एयर चीफ मार्शल ए वी आर चौधरी, रक्षा सचिव अजय कुमार उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने यहां दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पालम हवाई अड्डे पर हृदय विदारक दृश्य दिखे। एक हैंगर में 13 ताबूत रखे गए थे और इस दौरान परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 13 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस घटना से पूरा देश में शोक में डूब गया। पार्थिव शरीरों को भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान से दिल्ली लाया गया, जो शाम करीब 7:35 बजे पालम तकनीकी हवाई अड्डे पर उतरा। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि अभी तक केवल जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर के पार्थिव शरीरों की पहचान की जा सकी है। उन्होंने कहा कि केवल पहचान किये गए पार्थिव शरीर ही बुधवार को दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को सौंपे जाएंगे। बाकी पार्थिव शरीरों को सेना के बेस हास्पिटल की मोर्चरी में रखा जाएगा। जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीरों को शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके 3 कामराज मार्ग स्थित आवास पर रखा जाएगा। दोपहर 12:30 बजे से अपराह्न 1:30 बजे के बीच का समय सैन्य कर्मियों के लिए बिपिन रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि देने के लिए होगा। जनरल रावत की अंतिम यात्रा उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट तक अपराह्न करीब 2 बजे शुरू होगी। अंतिम संस्कार शाम 4 बजे निर्धारित है। ब्रिगेडियर लिद्दर का अंतिम संस्कार सुबह नौ बजे किया जाएगा। जनरल रावत, उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर लिद्दर के अलावा, एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सशस्त्र बल के 10 जवानों की मृत्यु हो गई थी। यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना गत कुछ दशकों में भारत में हुई बड़ी हवाई दुर्घटनाओं में से एक है जिनमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सफर कर रहे थे।