SIM Card New Rules: 1 जुलाई से बदल जाएगा सिम कार्ड के नियम, ऑनलाइन स्कैम पर लगेगी रोक
SIM Card New Rules:1 जुलाई से बदल जाएगा सिम कार्ड के नियम, ऑनलाइन स्कैम पर लगेगी रोक
नई दिल्ली। एक जुलाई से सिमकार्ड को लेकर नियम बदलनेवाले है. ट्राई ने यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव किए है. फिर एक बार अब सिमकार्ड को लेकर नियम बदलनेवाले है. मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर नियम में बदलाव का निर्णय लिया गया है. सिम स्वैप फ्रॉड पर रोक लगाने के लिए ट्राई ने ये निर्णय लिया है. ये नया नियम क्या है, और ये क्यों लागू किया गया है, सिम स्वैप क्या है, जाने इसकी पूरी जानकारी.
क्या बदलाव हुआ है ?
सिमकार्ड चोरी जाने पर या खराब हो जाने की स्थिति में आपको थोड़े दिन इंतजार करना होगा. इससे पहले सिमकार्ड चोरी हो जाने पर या खराब हो जानेपर आप दूकान से तुरंत ही सिमकार्ड लिया करते थे. लेकिन अब उसका लॉकिंग पीरियड बढ़ाया गया है. अब नए यूजर्स को नए सिमकार्ड के लिए सात दिनों का इंतजार करना होगा. इसके बाद ही नया सिमकार्ड मिलेगा. एमएनपी नियमों में बदलाव करने के बाद अब सात दिनों का लॉकिंग पीरियड रखा गया है.
क्यों लिया गया निर्णय
ये निर्णय ट्राई ने लिया है. फ्रॉड और धोखाधड़ी रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है. कई मामलों में देखा गया है की एक बार सिमकार्ड चोरी होने के बाद वो नंबर दुसरे सिमकार्ड पर एक्टिवेट किया गया. इसके बाद और कई घटनाएं घटित हुई है. अब ऑनलाइन स्कैम की घटना को रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है. इस बारे में नोटिफिकेशन ट्राई ने मार्च में जारी किया था.
सिम कार्ड स्वैपिंग
सिमकार्ड स्वैपिंग यानीएक ही नंबर किसी भी दुसरे सिमकार्ड में एक्टिवेट करना होता है. अभी सिमकार्ड स्वैपिंग काफी तेजी से बढ़ रहा है. एक ही सिमकार्ड पर सेम नंबर लेने के मामले बढे है. इसपर रोक लगाई जा सके, इसलिए सिमकार्ड स्वैपिंग की मुद्दत को बढाया गया है.
नए सिम कार्ड नियम
ट्राई ने कहा है कि अगर कोई नंबर एक निश्चित अवधि तक बंद रहता है तो मोबाइल ऑपरेटर इस सिम कार्ड को डिएक्टिव कर सकते हैं। इससे सिम के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलती है। ऐसे में अपने सिम कार्ड को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए नियमित रूप से उसका इस्तेमाल करें।
अब आपको नया सिम कार्ड पाने के लिए वैलिड पहचान और एड्रेस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। इसके अलावा कुछ मामलों में कुछ मामलों बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की भी मदद ली जाएगी। इसका उद्देश्य अवैध सिम बिक्री को रोकना और सही यूजर की पहचान करना है।
इसके अलावा एक व्यक्ति द्वारा रखे जा सकने वाले सिम कार्ड की संख्या की एक निश्चित सीमा होती है। ये अपराधियों को कई कार्ड का दुरुपयोग करने से रोकता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आपके नाम पर कितने सिम जारी किए गए है।
इसके अलावा प्रीपेड सिम कार्ड को भी अब पोस्टपेड कनेक्शन के समान पहचान और पते के प्रमाण के साथ रजिस्टर करना होगा। इससे जवाबदेही बढ़ती है और दुरुपयोग की संभावना कम होती है।
इससे अलावा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियमों में बदलाव किए जाएंगे। यानी अब जब आप नंबर पोर्ट कराएंगे तो आपका सात दिनों तक किसी दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर में पोर्ट नहीं किया जाएगा। इस अवधि के बाद ही इसे पोर्ट किया जाएगा।
मोबाइल यूजर्स इन बातों का रखें ध्यान
अपने सिम कार्ड को एक्टिव रखें इसका (कॉल, टेक्स्ट, डेटा में ) का नियमित रूप से उपयोग करें।
नया सिम कार्ड लेते समय आवश्यक पहचान और एड्रेस सर्टिफिकेट रखें। इसके अलावा बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए तैयार रहें।
यूजर अपने नाम पर जारी होने वाले सिम कार्ड की सीमा जानें और अपने सिम को उसी के अनुसार मैनेज करें।
अगर आप प्रीपेड सिम इस्तेमाल करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह नए नियमों के अनुसार आपके मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर के साथ रजिस्टर हो।
अगर आप अपना नंबर पोर्ट करा रहे हैं तो सात दिन नंबर के बंद रहने के समय में आपको एक वैकल्पिक नंबर का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि लोगों को आपके मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का पता रहें।