Madhya Pradesh: विजयनगर में स्वदेशी हाट बना आकर्षण का केंद्र, रविवार को उमड़े हजारों लोग
देसी रंग, देसी सुर और देसी गर्व – कबीर संध्या गीतों ने किया मुग्ध
राष्ट्रीय स्वदेशी हाट शुरू 22 दिसंबर तक 10 दिवसीय भव्य आयोजन
इंदौर। विजयनगर चौराहे पर दोपहर से रात तक स्वदेशी हाट में हजारों की संख्या में शहरवसी पहुंचे, देश भर के सैकड़ो कारीगरों की बनी वस्तुओं को इंदोरियों ने खूब पसंद किया, स्वदेशी जायके के साथ शाम को कबीर वाणी का आनंद भी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उठाया।
अखिल भारतीय स्वदेशी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश पोरवाल ने बताया कि 13 दिसंबर से शुरू हुए राष्ट्रीय स्वदेशी हाट में बड़ी संख्या देश के अनेक राज्यों के हैंडलूम व वहां की कारीगरी और जायकों के साथ संस्कृति का समावेश यहां नजर आ रहा है। रविवार को इंदौर के 10हजार से ज्यादा लोग यहां देर रात तक पहुंचते रहे। महिलाओं और बच्चों के लिए प्रतियोगिताओं के साथ स्वदेशी परिधान, शृंगार, गृह सजावट की वस्तुत खूब पसंद की जा रही है।
माटी कहे कुम्हार से.. सर्द शाम में बांधा समां
शाम होते ही सर्द हवाओं के बीच लोक गायकों ने संत कबीर से दोहों से समा बांध दिया । एक के बाद एक प्रस्तुतियां ने सुनने वालों के मुंह से वाह निकल रही थी। प्रमुख रूप से कबीरा खड़ा बाजार में…, ऐसी वाणी बोलिए…,जब मैं था तब…, माटी कहे कुम्हार से…आदि प्रस्तुतियों का दौर देर रात तक रहा।
