पश्चिम रेलवे ने पीपावाव पोर्ट को हाई राइज ओएचई से जुड़ा पहला भारतीय पोर्ट बनकर रचा नया इतिहास
पीपावाव पोर्ट और भगत की कोठी के बीच हाई राइज ओएचई पर चली पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के 100% विद्युतीकरण के देश के प्रतिष्ठित मिशन के क्रम में 21 सितम्बर, 2021 को भावनगर मंडल के पीपावाव पोर्ट से पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाकर और इसे हाई राइज ओएचई के साथ जुड़ा भारतीय रेलवे का पहला पोर्ट बनाकर पश्चिम रेलवे एक नई ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ एक बार फिर अग्रणी रही है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन की सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर अपनी खुशी व्यक्त की है और इस अद्भुत एवं सराहनीय उपलब्धि के लिए पश्चिम रेलवे की पूरी टीम को बधाई दी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता साबित करते हुए इस अनूठी उपलब्धि को हासिल किया है। इस ट्रेन के चलने से कंटेनर ऑपरेटर के रूप में एक नया ग्राहक पीपावाव रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जुड़ गया है। इसके फलस्वरूप पहला रेक पीपावाव पोर्ट साइडिंग से भगत की कोठी, जोधपुर के लिए लदान किया गया। यह पोर्ट अब हाई राइज ओएचई के एसी ट्रैक्शन के साथ डीएफसी से सीधे जुड़ा हुआ है। श्री ठाकुर ने बताया कि इस नवस्थापित कनेक्टिविटी से विभिन्न पहलुओं जैसे ट्रैक्शन परिवर्तन के कारण अनावश्यक डिटेंशन को समाप्त करना तथा त्वरण तेज होना सुनिश्चित होगा। साथ ही पीपावाव पोर्ट, डीएफसी एवं अन्य प्रमुख गंतव्यों के बीच एसी ट्रैक्शन के माध्यम से सीधी कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय लाभ मिलेगा। यह नई पहल ईंधन लागत को कम करने में मदद करेगी और परिवहन का एक ऊर्जा कुशल एवं पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। भविष्य में यह मालगाड़ियों की औसत गति बढ़ाने में भी मदद करेगी और इसके परिणामस्वरूप निर्बाध ट्रेन संचालन होगा। पिपावाव बंदरगाह के साथ नई कनेक्टिविटी पश्चिम रेलवे के साथ-साथ भारतीय रेलवे के लिए भारत में बंदरगाहों से सुगम, आसान और त्वरित परिवहन की दिशा में एक नए युग की शुरुआत है।