शादी के बाद पीले धागे को क्यों पहने रखती हैं कीर्ति सुरेश?

शादी के बाद पीले धागे को क्यों पहने रखती हैं कीर्ति सुरेश

एक्ट्रेस ने किया खुलासा-इसे बहुत शक्तिशाली माना जाता..

Mumbai: एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश साल 2024 के दिसंबर में काफी चर्चा में रही हैं। जहां 12 दिसंबर में उन्होंने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड एंथनी थाटिल संग शादी रचाई, वहीं 25 दिसंबर को उनकी वरुण धवन के साथ फिल्म बेबी जॉन रिलीज हुई। इसकी स्क्रीनिंग के दौरान एक्ट्रेस को शादी के बाद पहली बार देखा गया, जहां वह अपना पीला धागा (मंगल्यम) को फ्लॉन्ट करती नजर आई थी। वहीं, अब हाल ही में नए साल पर कीर्ति ने पीले धागे को लेकर खुलासा किया है और बताया कि वह इसके हमेशा क्यों पहने रखती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में कीर्ति सुरेश ने कहा, “हल्दी का धागा पवित्र होता है और इसे कुछ समय तक नहीं उतार सकते। बाद में इसे सोने की चेन से बदल देते हैं। हमारे लिए शुभ दिन जनवरी के अंत में है, इसलिए मैं इसे तब तक पहन रही हूं।”कीर्ति ने यह भी बताया कि इस धागे को हमेशा छाती से लगाकर रखना चाहिए क्योंकि इसे बहुत शक्तिशाली माना जाता है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “कुछ लोगों ने इसे छुपाने की सलाह दी, लेकिन मुझे यह बहुत अच्छा और आकर्षक लग रहा है। मैं इसे गर्व से पहन रही हूं और सभी को दिखा रही हूं।”बता दें, कीर्ति और एंटनी ने दो अलग-अलग रिवाजों से शादी की। पहले दोनों ने गोवा में साउथ के पारंपरिक तरीके से शादी की। इसके बाद, उन्होंने क्रिश्चियन वेडिंग की, जिसकी तस्वीरें कीर्ति ने इंस्टाग्राम पर भी साझा की थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

बिग बॉस: कंटेस्टेंट्स को काफी परेशान करती हैं सारा अरफीन

बिग बॉस: कंटेस्टेंट्स को काफी परेशान करती हैं सारा अरफीन मुम्बई । छोटे परदे का विवादित शो बिग बॉस के लेटेस्ट एपिसोड में काफी ड्रामा देखने को मिला। बिग बॉस के ताला शो में विशेषकर सारा अरफीन खान ने कुछ ज्यादा ही ड्रामा किया। सारा टास्क में एलिमिनेट होने के बाद बाकी कंटेस्टेंट्स को परेशान […]

इमरजेंसी के 50 साल: कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ बड़े पर्दे पर इतिहास सामने लाने को है तैयार

इमरजेंसी के 50 साल: कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ बड़े पर्दे पर इतिहास सामने लाने को है तैयार नई दिल्ली: 1975 में आपातकाल की घोषणा के 50 साल पूरे हो रहे हैं, जो भारतीय इतिहास के सबसे परिभाषित और विवादास्पद अध्यायों में से एक है। यह एक ऐसा दौर था जब लोकतंत्र को निलंबित कर दिया […]