नवरात्रि पर PM मोदी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा…

 

48 लाख कर्मचारियों, 68 लाख पेंशनर्स को फायदा
केंद्रीय कर्मचारियों का अब मिलेगा 46 प्रतिशत डीए
-सरकार ने रबी की 6 फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की

नई दिल्ली । त्योहारी सीजन में मोदी सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान किया है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत बढ़ोतरी का फैसला किया। इसका सीधा फायदा करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को होगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अब नवंबर महीने से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और अक्टूबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा। इसके फैसले के बाद इन्हें मिलने वाला महंगाई भत्ता अब 42 फीसदी से बढक़र 46 फीसदी हो गया है। इस बात की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी केंद्रीय कर्मचारियों को इस बार भी 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है। अब मोदी सरकार के इस फैसले से देश के करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा होगा और उनकी मासिक वेतन और पेंशन में जोरदार बढ़ोतरी होगी।
46 प्रतिशत हुआ महंगाई भत्ता
लंबे समय से लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस ऐलान का इंतजार कर रहे थे। आज मोदी सरकार द्वारा सेंट्रल कर्मचारी के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब ये 46 फीसदी हो गया है। इसका लाभ उन्हें 1 जुलाई 2023 से जोड़ कर मिलेगा। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में भी उछाल देखने को मिलेगा।
अब इतनी बढ़ेगी सैलरी
ऐलान के बाद देश के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स को काफी मदद मिलेगी। बढ़ती महंगाई का मुकाबला करने के लिए सरकार हर छह महीने में डीए/डीआर दर में संशोधन करती है। इस संशोधन के बाद न्यूनतम वेतन कैटेगरी वालों की मासिक बढ़ोतरी 8280 रुपये हो जाएगी। वहीं बात 56900 रुपये के अधिकतम बेसिक पे वाले कर्मचारियों की करें तो बढ़ोतरी के बाद उनकी सैलरी में मासिक वृद्धि 26174 रुपये हो सकती है।
रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस मिलेगा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेलवे विभाग के 11 लाख 07 हजार 340 नॉन गजेटेड कर्मचारियों के लिए 78 दिन की सैलरी के बराबर बोनस देने का फैसला भी लिया गया है। इस पर 1,969 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस साल 2010-2011 से दिया जा रहा है।
गेहूं की एमएसपी 150 रुपए बढक़र 2,275 हुई
वहीं केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,275 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। गेहूं के साथ-साथ केंद्र सरकार ने रबी की 5 अन्य फसलों जौ, चना, मसूर, सरसों, कुसुम की एमएसपी में बढ़ोतरी की है। 18 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग में ये फैसला लिया गया।
रबी फसल की बुआई लौटते मानसून और पूर्वोत्तर मानसून के समय की जाती है। इन फसलों की कटाई आमतौर पर गर्मी के मौसम में अप्रैल में होती है। ये फसलें बारिश से ज्यादा प्रभावित नहीं होती हैं। रबी की प्रमुख फसलें गेहूं, चना, मटर, जौ है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट के दौरान रबी की छह फसलों के एमएसपी को निर्धारित करने का निर्णय किया गया है। तिलहन और सरसों में एमएसपी में 200 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। गेहूं के लिए 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। चने के लिए 105 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की गई है।
5 गीगावाट कैपेसिटी की लाइन को भी मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में लद्दाख से मेन ग्रिड तक लाने के लिए 5 गीगावाट कैपेसिटी की लाइन को मंजूरी दी गई है। इसकी अनुमोदित लागत 20 हजार 773 करोड़ रुपए हैं। यह लाइन लद्दाख से हरियाणा के कैथल तक आएगी। ये हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों से होकर गुजरेगी। इसे राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से लद्दाख के लिए 7.5 गीगावाट का सोलर पार्क स्थापित करने की घोषणा की थी। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस दिशा में 13 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करने का प्लान बनाया। जब सोलर पावर प्लांट बनेंगे तो इसके लिए ट्रांसमिशन लाइन बहुत जरूरी है।

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