State Press Club. MP. Samvaad program 2024 – भारतीय मूल्यों की समावेशी है नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’- प्रो. डॉ. विजय कुमार श्रीवास्तव

 

State Press Club. MP. Samvaad program 2024 – भारतीय मूल्यों की समावेशी है नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’- प्रो. डॉ. विजय कुमार श्रीवास्तव

इंदौर। ‘एक राष्ट्र, एक शिक्षा नीति’ से राष्ट्र के उत्थान निर्माण के साथ- साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को केंद्र में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर व्यापक कार्य हो रहा है। यह जानकारी स्टेट प्रेस क्लब, म. प्र. के ‘संवाद’ कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन के पश्चिम क्षेत्र प्रमुख एवं महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा के कुलपति प्रो. डॉ. विजय कुमार श्रीवास्तव ने दी। डॉ. श्रीवास्तव, मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने एवं उसके क्रियान्वयन के लिए कार्य करने वाले प्रमुख लोगों में से एक हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनइपी) 20-20 को लागू हुए तीन वर्ष हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी को शिक्षा, समानता, गुणवत्ता, शिक्षा को सबके लिए वहन करने योग्य बनाना, कौशल विकास को प्रधानता और उद्यमिता का विकास करना है।
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परंपरा के मानवीय मूल्य पर आधारित है इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रमुख स्तंभों जैसे आयुर्वेद अर्थशास्त्र आदि का समावेश किया गया है। यह नीति पूरे राष्ट्र को शिक्षित करने के साथ-साथ सबको उसके अनुरूप शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार प्रदान करती है। यथासंभव हर विद्यार्थी को पढ़ने के बारंबार अवसर मिलें, यह इसकी विशेषता है। विद्यार्थी यदि किसी कारण से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ता है तो उसे पूरे किए गए कोर्स के बदले में क्रेडिट प्राप्त होंगे। उसने जिस जगह पर पढ़ाई छोड़ी है वह वहां से है उसे पुन: प्रारंभ कर सकेगा। प्रारम्भ में अतिथि का स्वागत प्रवीण कुमार खारीवाल, नवनीत शुक्ला, रचना जौहरी,पंकज क्षीरसागर, मीना राणा शाह, गणेश एस चौधरी, गौरव जैन ने किया। आभार मोहनलाल मंत्री ने माना।
पुन: विश्व गुरु बनने की दिशा में भारत
कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2020 से क्रियान्वयन में आईं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को पुन: विश्व गुरू बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अभी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र यूएसए के साथ यूरोपीय देशों में पढ़ने जाते हैं लेकिन इस नीति के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विवि में ही 64 देशों के 2500 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आॅस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय, गुजरात राज्य की गिफ्ट सिटी में सेंटर्स के साथ काम कर रहे हैं। वहीं आईआईटी और आईआईएम ने अपने कैंपस दुबई तथा अबू धाबी में खोले हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

म.प्र. पुलिस प्रशिक्षण में साइन लैंग्वेज शामिल करने वाला देश का पहला राज्य

  म.प्र. पुलिस प्रशिक्षण में साइन लैंग्वेज शामिल करने वाला देश का पहला राज्य पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों को दिया जायेगा विशेष प्रशिक्षण दिव्यांगजन की बातों को समझ सकेंगे आसानी से भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार ने पुलिस प्रशिक्षण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के प्रावधानों के तहत साइन लैंग्वेज को शामिल […]

Madhya Pradesh: अनुसूचित जाति के युवाओं को रोजगार के लिये 50 लाख रूपये तक का मिलेगा लोन

  अनुसूचित जाति के युवाओं को रोजगार के लिये 50 लाख रूपये तक का मिलेगा लोन जिले में इस वर्ष अनुसूचित जाति के लगभग एक हजार युवाओं को किया जायेगा लाभान्वित इंदौर – राज्य शासन के अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये अनेक योजनाओं […]