विद्यार्थियों को राष्ट्रीय भाषा कौशल में पारंगत करता है लीड का ‘संपूर्ण हिंदी कार्यक्रम’
मुंबई – हमारे देश में 44 फीसदी लोगों की मातृभाषा हिंदी है, लेकिन स्कूलों में भाषा कौशल के रूप में अभी भी हिंदी को महत्व नहीं दिया जा रहा। इसी सिलसिले में हिंदी मातृभाषा वाले कक्षा 12 तक के छात्रों के बुनियादी कौशल में सुधार करने और शिक्षा में तकनीक का समावेश करने के लिए लीड ने उत्तर व मध्य भारत के किफायती निजी स्कूलों में ‘संपूर्ण हिंदी कार्यक्रम’ शुरू किया है। इस समावेशी कार्यक्रम का उद्देश्य प्रासंगिक सांस्कृतिक संदर्भ के साथ सामान्य जागरूकता और मूल्यों के साथ भाषा कौशल विकसित करना है, जिससे कि छात्रों के लिए हिंदी में पढ़ना, लिखना और बोलना आसान हो जाता है। ‘संपूर्ण हिंदी कार्यक्रम’ नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप है जो छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने का समर्थन करता है।
अनेक शोध कार्यों से यह साबित हुआ है कि कई भाषाओं को सीखना हमारे मस्तिष्क को के लिए एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम है और यह प्रक्रिया सामाजिक-भावनात्मक विकास को बेहतर बनाती है। जबकि उत्तर और मध्य भारत के अधिकांश स्कूलों में हिंदी प्रमुख विषयों में से एक है, इसे भाषा कौशल के रूप में नहीं पढ़ाया जाता है। परिणामस्वरूप, छात्रों को हिंदी को समझने, पढ़ने और लिखने और इसे अपने दैनिक जीवन में उतारने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, ‘हिंदी हार्टलैंड’ के रूप में विख्यात उत्तर प्रदेश में कक्षा 10 और 12 के लिए 2019 यूपी माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं में लगभग आठ लाख विद्यार्थी हिंदी में फेल हो गए। उन्हें ‘यात्रा’ और ‘आत्मविश्वास’ जैसे हिंदी के सामान्य शब्दों की जानकारी नहीं थी। लीड एक ‘5सी फ्रेमवर्क’ के आधार पर भाषा सीखने की चुनौतियों को संबोधित करता है – जीवन से संबंध (कनेक्शन टु लाइफ), पूर्व शिक्षा से संबंध (कनेक्शन टु प्रायर लर्निंग), विभिन्न शिक्षार्थियों की खास समझ (कैटरिंग टु डिफरेंट लर्नर्स), एकाग्रता के साथ सीखना (काॅन्सेन्ट्रिक लर्निंग) और सीखने की प्रासंगिकता (काॅन्टेक्स्टुलाइजेशन आॅफ लर्निंग)।
कार्यक्रम को हिंदी भाषा के कौशल में सुधार के लिए शब्द की ध्वनि, संपूर्ण शब्द, पढ़ने और सुनने, व्याकरण, लेखन और बोलने की अभिव्यक्ति सहित मुख्य घटकों में बांटकर प्रस्तुत किया गया है। यह छात्रों को अपनी मातृभाषा में सीखने की चुनौतियों से उबरने और उनकी अवधारणाओं को सुधारने में मदद करता है। जानो, सोचो, करो और रहो के चार प्रमुख मूल्यों के माध्यम से लीड छात्रों के लिए हिंदी को आकर्षक और ज्ञानवर्धक बनाता है, और उनके शैक्षणिक और सामाजिक जीवन में उनकी मदद करता है।
‘संपूर्ण हिंदी कार्यक्रम’ को कक्षा-वार विभाजित किया गया है और प्रत्येक कक्षा के लिए एक अलग शिक्षण प्रकार है। कक्षा 1 का हिस्सा भाषा को पहचानने और समझने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा, कक्षा 2 का प्रकार नींव विकसित करते हुए सुनने-पढ़ने-बोलने-लिखने का कौशल विकसित करेगा, कक्षा 3-5 में व्याकरण की गहरी समझ विकसित करते हुए सुनना, पढ़ना, बोलना, लेखन कौशल विकसित होगा, कक्षा 6-8 छात्रों को सवालों के जवाब देने और एनसीईआरटी पुस्तकों की अतिरिक्त भाषा संवर्धन सामग्री द्वारा समर्थित गहरी समझ के माध्यम से खुद को व्यक्त करने में सक्षम बनाएगा। वहीं, कक्षा 9-10 के लिए तैयार ‘संपूर्ण हिंदी कार्यक्रम’ छात्रों को किसी भी प्रकार के प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार करेगा जो बोर्ड परीक्षा में आ सकता है।