West Bengal: कोरोनावायरस को लेकर गलत डाटा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई
नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष कोरोना से उपजे हालात के बीच प्रदेश सरकार के खिलाफ कई याचिकाएं लगाई गई थी। जिसपर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। इस सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। राज्य सरकार को इदालत की तरफ से कहा गया कि कोरोना से मौत की संख्या जो बताई जा रही है वह वास्तव में सही संख्या नहीं है। निश्चित रूप से कोरोना से मरनेवालों की संख्या इससे कहीं बहुत ज्यादा थी। इदालत ने कहा कि “इस प्रचार से किसी की मदद नहीं होगी। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य के लिए प्रतिदिन कोविड-19 टीकाकरण की अधिकतम क्षमता का पता लगाने का भी निर्देश दिया। अदालत ने आगे राज्य को निर्देश दिया कि वह अदालत को यह बताए कि उसके पास दैनिक आधार पर टीकाकरण के लिए कितना बुनियादी ढांचा है। कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाओं के जरिए कई मुद्दों को उठाया गया था, जिसमें राज्य में कोविड-19 बीमा योजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर जनता में जागरूकता की कमी, राज्य सरकार द्वारा कोविड -19 रोगियों के लिए विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने के लिए निर्धारित दरें और मुआवजे के भुगतान की कमी भी शामिल हैं। ऐसे व्यक्ति जिनकी covid19 वायरस के कारण या तो मृत्यु हो गई या वे संक्रमित हो गए उनके पास भी इन जानकारियों का अभाव था। याचिकाकर्ताओं ने अदालत के समक्ष यह रखा था कि जागरूकता के अभाव में लोगों से अधिक शुल्क वसूला जा रहा है। इस पर मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने आदेश दिया कि, जहां तक जागरूकता के मुद्दे का संबंध है, राज्य सरकार को कोविड-19 बीमा योजनाओं के बारे में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की पात्रता से संबंधित सार्वजनिक विज्ञापन जारी करने दें।