Madhya Pradesh – Maheshwar: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महेश्वर में किया शस्त्र-पूजन
Madhya Pradesh – Maheshwar: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महेश्वर में किया शस्त्र-पूजन
लोकमाता देवी अहिल्या बाई के शौर्य की प्रतीक तलवार का किया पूजन
इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज महेश्वर के ऐतिहासिक क़िले में पुण्य श्लोका देवी अहिल्याबाई होल्कर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विजयादशमी के पावन अवसर पर यहाँ शस्त्रागार में शस्त्र पूजन किया। नर्मदा तट पर स्थित क़िले में पहुँचने पर देवी अहिल्या के वंशज श्री यशवंतराव होलकर तृतीय ने उनका परम्परागत रूप से स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शस्त्रागार में विशेष तौर पर उस तलवार का पूजन किया जो उनके शौर्य का प्रतीक है। यह तलवार देवी अहिल्या स्वयं धारण करती थीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि देवी अहिल्या पुण्य प्रताप और परोपकार की पर्याय हैं। आज विजयादशमी के अवसर पर उनकी कर्मभूमि पहुँचकर नमन कर स्वयं को कृतार्थ महसूस कर रहा हूँ। इस अवसर पर खरगोन के स्थानीय जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। इसके पूर्व हेलीपेड महेश्वर में पहुंचने पर उनका क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री अनुराग, कलेक्टर खरगोन श्री कर्मवीर शर्मा एवं अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया।
शस्त्र का सम्मान और शास्त्र का ज्ञान
यही है हमारी संस्कृति का महान प्रमाण #विजयादशमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खरगोन जिले के #महेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता की एवं परंपरा के अनुसार विधि-विधान से शस्त्र पूजन कर जन-जन को वीरता और शौर्य की प्रेरणा दी।… pic.twitter.com/czJTDhDi5Y— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 12, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दशहरा के पावन पर्व की दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “दशहरे” के पावन पर्व की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युग-युग से विजय का प्रतीक दशहरे का पर्व हमें हमारी सनातन संस्कृति से जोड़ता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्या बाई के 300वीं जयंती वर्ष में पूरे प्रदेश में लोकमाता को समर्पित दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। लोकमाता देवी अहिल्या बाई ने अपने शासनकाल में राज्य की अभेद्य सुरक्षा के साथ जनता की सेवा और समर्पण का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके राज्य पर कभी आक्रमण नहीं हुआ और अखंड भारत की मंगलकामना करते हुए सुशासन के नए प्रतिमान गढ़ते हुए उन्होंने शासन चलाया। उनका जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है।