Corona Vaccine 2021 : देश को मिलेगा तीसरा टीका , केंद्र ने दी स्पूतनिक V को मंजूरी

नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, ऐसे में वैक्सीनेशन के अभियान को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार सुबह जानकारी दी कि, देशभर में अबतक कुल 10,45,28,565 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक और अच्छी खबर सामने आई है। बता दें कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V को आपातकालीन मंजूरी दे दी है। वैक्सीन की मांग को लेकर स्पूतनिक V की मंजूरी काफी अहम मानी जा रही है। वैक्सीन मामले की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने सोमवार को रूस की स्पुतनिक वी को मंजूरी दे दी है। जिसका मतलब ये हुआ कि, अब भारत में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि इस वैक्‍सीन का देश में तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। वैसे यह वैक्‍सीन दुनिया में रेगुलेटरी अप्रूवल हासिल करने वाली पहली वैक्सीन थी। मगर पर्याप्‍त ट्रायल डेटा न होने के चलते दूसरे देशों ने इसे उतनी तवज्जो नहीं दी। इससे पहले भारत में जिन वैक्सीन्स को मंजूरी मिली है, उनमें Covishield और Covaxin शामिल है। इन दोनों वैक्सीन को जनवरी 2021 के पहले हफ्ते में अप्रूवल मिल चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

G7 Summit : G-7 समिट में पहुंचे PM मोदी, कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने किया स्वागत, व्यापार समेत कई मुद्दों पर जोर

G7 Summit : G-7 समिट में पहुंचे PM मोदी, कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने किया स्वागत, व्यापार समेत कई मुद्दों पर जोर PM Modi in G-7 Summit Canada: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 Summit में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंच गए हैं, उन्हें कनैनिस्किस में हो रहे G-7 समिट में हिस्सा लेना […]

डिजिटल मीडिया (Digital media) में 94% विज्ञापन पर भरोसा नहीं, प्रिंट-टीवी (Print-TV) सबसे भरोसेमंद: ASCI

डिजिटल मीडिया (Digital media) में 94% विज्ञापन पर भरोसा नहीं, प्रिंट-टीवी (Print-TV) सबसे भरोसेमंद: ASCI 94% of ad violations found on Digital media; TV and print show 98% compliance: ASCI भ्रम फैलाने वाले 100 में से 94% विज्ञापन डिजिटल मीडिया में, सट्टेबाजी, जुए और स्वास्थ्य उपचार के विज्ञापनों की भरमार स्व-नियामक संगठनों ने सरकारी रेगुलेटरी […]