Happy Holi 2025: भाईचारे के रंग: होली और रमजान का संगम, उल्लास और खुशी का प्रतीक

Happy Holi 2025: भाईचारे के रंग: होली और रमजान का संगम, उल्लास और खुशी का प्रतीक

UNN – मेलोडियस पीहू : होली और रमजान, दोनों ही त्योहार प्रेम, शांति और भाईचारे के प्रतीक हैं। जब ये दो त्योहार एक साथ आते हैं, तो यह अवसर हमारे लिए अपने सांस्कृतिक मूल्यों को और गहराई से समझने और आपसी सद्भाव को मजबूत करने का सुनहरा मौका होता है। रंगों का कोई धर्म नहीं होता, वे सिर्फ खुशियों के प्रतीक होते हैं। हर धर्म ने अपने अलग-अलग रंग चुने हैं, लेकिन जब होली आती है, तो यह हर सीमाओं को तोड़ते हुए केवल प्रेम और एकता का संदेश देती है। होली के दिन जब कोई प्रेम से रंग लगाता है, तो उसे धर्म, जाति या मजहब के नजरिए से देखने की बजाय इंसानियत के चश्मे से देखना चाहिए। यही वह दिन होता है जब समाज की सारी दीवारें गिर जाती हैं और केवल भाईचारे के रंग दिखाई देते हैं। अगर कोई रोज़े से है, तो वह इस प्यार को दिल से स्वीकार कर सकता है, और अगर कोई रंगों में डूबा है, तो वह रोज़ेदार की भावनाओं की इज्जत कर सकता है। यही आपसी सम्मान और प्रेम, समाज में वास्तविक सद्भाव का प्रतीक होता है। होली भारत के सबसे रंगीन और जोशीले त्योहारों में से एक है। यह न केवल हिंदू धर्म, बल्कि पूरे समाज के लिए उल्लास और खुशी का प्रतीक है। इसका मुख्य संदेश यह है कि सभी गिले-शिकवे भुलाकर, सबको एक समान प्रेम के रंग में रंग दिया जाए। इस दिन धर्म और जाति की दीवारें गिर जाती हैं और हर कोई एक-दूसरे को रंग लगाकर अपनी खुशी जाहिर करता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है, क्योंकि प्रह्लाद और होलिका की कथा हमें यह सिखाती है कि घमंड और अन्याय का अंत निश्चित होता है। लेकिन असली होली तभी खेली जाती है, जब इसका रंग केवल चेहरे पर नहीं, बल्कि दिलों पर भी चढ़े। जब कोई मुसलमान भाई अपने हिंदू दोस्त के साथ होली खेलता है, या जब कोई हिंदू अपने मुस्लिम भाई को इफ्तार के लिए बुलाता है, तब यह त्योहार अपने असली रूप में मनाया जाता है। दूसरी ओर, रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। यह केवल भूखे रहने का नाम नहीं है, बल्कि यह आत्मसंयम, धैर्य और परोपकार का महीना होता है। इस महीने में मुस्लिम भाई-बहन सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं और खुद को हर बुरी चीज से दूर रखते हुए आत्मशुद्धि की ओर बढ़ते हैं। रमजान हमें सहनशीलता, दान और मानवता की सेवा का पाठ पढ़ाता है।


इस महीने में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना बहुत पुण्य का कार्य माना जाता है। इफ्तार का समय वह क्षण होता है जब पूरे परिवार और समाज के लोग एक साथ बैठते हैं और प्रेमपूर्वक भोजन करते हैं। यह आपसी एकता को मजबूत करने का सबसे सुंदर तरीका है। इस साल जब होली और रमजान एक साथ आए हैं, तो यह हमारे लिए आपसी प्रेम और सौहार्द को दर्शाने का बेहतरीन अवसर है। भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं। ऐसे में, अगर हम इन दोनों त्योहारों को सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाएं, तो यह दुनिया के लिए एक मिसाल बन सकता है। इसे मनाने के कई तरीके हो सकते हैं। सबसे पहले, हमें संवेदनशीलता और आपसी समझदारी बनाए रखनी होगी। होली खेलते समय यह ध्यान देना चाहिए कि हमारे आस-पास रोज़ेदार भी हो सकते हैं, जो पानी और रंग से बचना चाहते हैं। इसी तरह, मुस्लिम भाई-बहन भी इस बात का ख्याल रखें कि होली का उत्साह बहुत ऊंचे स्तर पर होता है और इस दौरान उनकी इबादत में कोई बाधा न आए। सामूहिक उत्सव का आयोजन भी एक अच्छा तरीका हो सकता है। कई जगहों पर “होली और इफ्तार मिलन” जैसे कार्यक्रम किए जाते हैं, जहां दोनों समुदायों के लोग एक साथ इफ्तार करते हैं और भाईचारे का संदेश देते हैं। इसके अलावा, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी इस मौके को और भी पवित्र बना सकता है। जब हम एक-दूसरे के त्योहारों को प्रेम और सम्मान के साथ मनाते हैं, तभी सच्ची भारतीयता की पहचान बनती है। यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि धार्मिक सद्भाव बना रहे। अगर कोई रोज़े से है, तो उसे जबरदस्ती रंग न लगाया जाए, बल्कि उसकी भावनाओं का सम्मान किया जाए। इसी तरह, अगर कोई प्रेम से रंग लगाना चाहे, तो उसे खुशी से स्वीकार किया जाए।
जब होली के रंग रमजान की इबादत से मिलते हैं, तो यह दुनिया को भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का असली रूप दिखाता है। यही त्योहार हमें सिखाते हैं कि धर्म चाहे कोई भी हो, उसके मूल में प्रेम, शांति और सौहार्द ही होता है। भारत की असली ताकत इसी भाईचारे में है, जहां हर कोई एक-दूसरे के त्योहारों की इज्जत करता है और उसमें खुशी से भाग लेता है। जब एक हिंदू भाई अपने मुस्लिम दोस्त को इफ्तार में आमंत्रित करता है और एक मुस्लिम भाई अपने हिंदू मित्र के साथ होली खेलता है, तो यही असली भारत का स्वरूप होता है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की आत्मा एकता और प्रेम में बसती है। इस होली और रमजान, आइए हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हम हमेशा एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करेंगे, सौहार्द और प्रेम की भावना को बढ़ावा देंगे और समाज में सकारात्मकता फैलाएंगे। यही वह भारत है, जिसे दुनिया हमेशा एक मिसाल के रूप में देखती है—एक ऐसा देश जहां हर त्योहार प्रेम और एकता का संदेश देता है। “रंगों से भरपूर होली और इबादत से रौशन रमजान—आइए, इस अनूठे मेल को मिलकर मनाएं!”

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