MP: नंबर वन अवार्ड मिलने पर महापौर बोले- 8वीं बार नंबर वन बनने की तैयारी शुरू – इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव
नंबर वन अवार्ड मिलने पर महापौर बोले- 8वीं बार नंबर वन बनने की तैयारी शुरू
महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर 8वीं बार नंबर-1 आने की तैयारी शुरू कर चुका है
इंदौर। मध्यप्रदेश का इंदौर भारत में स्वच्छ शहरों का पर्याय बन गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में एक बार फिर इंदौर ने देश में पहला स्थान हासिल किया है। सातवीं बार इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। लगातार सातवीं बार स्वच्छता खिताब जीतने पर इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सफाई मित्र, जनता, अफसर और जनप्रतिनिधियों सभी का योगदान है।
विशेष बातचीत में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, यह अवार्ड इस वर्ष जिन परिस्थितियों में आया है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। एक तरफ बरसात के मौसम में सर्वेक्षण का होना, दूसरी तरफ शहर में बड़े स्तर पर निर्माण होना। हमारे सफाई मित्रों की अथक मेहनत, अधिकारियों की मॉनिटरिंग और जनप्रतिनिधियों का बहुत महत्व इस बार रहा। पहली बार जन प्रतिनिधियों और पार्षदों के नेतृत्व में वार्ड में जो सफाई हुई उसकी मॉनिटरिंग हुई, जो नवाचार हुए मुझे लगता है इस सब से इंदौर फिर नंबर-1 आया है।
शिवराज के बयान ने किया मोटिवेट
महापौर भार्गव ने एक किस्सा साझा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें पहले ही अलर्ट कर दिया था कि इंदौर तैयार रहना, इस बार कोई दूसरा शहर बाजी मार सकता है। इंदौर के लिए चुनौती ज्यादा है। उनका इस बयान ने हमें मोटिवेट किया। हम जमकर जुटे और नंबर-1 का ताज बनाए रखा। मैं उनके बयान के लिए उनको धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमको प्रोत्साहन दिया कि खूब मेहनत करते रहो। उनका बयान आगे बढ़ने के लिए था।
महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर 8वीं बार नंबर-1 आने की तैयारी शुरू कर चुका है। आगे क्या करना है इसका निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का है। फिलहाल इंदौर को के लिए हमने ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट शुरू किया। इंटर्नशिप विद मेयर शुरू किया, बैकलाइन में जो बरसों से कचरा पड़ा हुआ था उसे हटवाया।
महापौर ने कहा कि इंदौर निगम अपने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है। हमारी कोशिश है कि संपत्ति कर व जल कर की 80 फीसदी तक वसूली हो। इस राशि के मिलने से हम संबंधित ठेकेदारों के भुगतान की प्रक्रिया को तेज कर सकेंगे। इससे विकास कार्य को गति मिलेगी। निर्माण कार्य में देरी व लापरवाही करने वाली एजेंसियों पर निगम द्वारा कार्रवाई की जाती है और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट भी करते हैं।