मास्टरकार्ड द्वारा किए गए नए शोध : मिलेनियल्स से जेन ज़ी तक, एक नए दौर के उद्यमियों की क्रांति

मास्टरकार्ड द्वारा किए गए नए शोध : मिलेनियल्स से जेन ज़ी तक, एक नए दौर के उद्यमियों की क्रांति

युवा भारतीय महिलाओं में बढ़ती उद्यमशीलता की लहर, अपना व्यवसाय शुरू करने का बढ़ता जुनून

Mumbai: दुनिया भर में, खासतौर पर युवा महिलाओं में उद्यमशीलता की भावना तेज़ी से बढ़ रही है। महिलाएं अपने सपनों को साकार करने, वित्तीय स्वतंत्रता पाने, कार्य और जीवन में संतुलन बनाने और समाज में बदलाव लाने के लिए आगे बढ़ रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 से पहले मास्टरकार्ड द्वारा किए गए नए शोध से पता चला है कि भारत की लगभग आधी (45%) महिलाओं ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का विचार किया है। यह प्रवृत्ति खासतौर पर मिलेनियल और जेनरेशन ज़ी की महिलाओं में अधिक देखी जा रही है। मिलेनियल (आयु 29-44) महिलाओं में यह संख्या 46% है, जबकि जेनरेशन ज़ी की 45% महिलाओं ने भी व्यवसाय शुरू करने की इच्छा जताई है। जेनरेशन एक्सन (आयु 45-60) और बेबी बूमर्स (आयु 61-79) की महिलाओं में यह आंकड़ा थोड़ा कम है, लेकिन अब भी 38% महिलाओं ने माना कि वे खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं।
भारत में महिलाएं मुख्य रूप से तीन प्रमुख कारणों से उद्यमिता की ओर बढ़ रही हैं—अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा (51%), बेहतर कार्य-जीवन संतुलन की तलाश (44%), और पारंपरिक नौकरियों से आज़ादी (40%)। शोध से यह भी पता चला कि वर्तमान में लगभग आधी (46%) भारतीय महिलाओं के पास कोई न कोई अतिरिक्त कमाई का जरिया है। खासतौर पर बेबी बूमर्स (आयु 61-79) की महिलाओं में यह आंकड़ा बढ़कर 61% हो गया है, क्योंकि वे किसी भी अन्य आयु समूह की तुलना में अधिक पैसे कमाने के लिए अपनी साइड इनकम शुरू करने के लिए सबसे अधिक प्रेरित हैं।
महिलाओं में व्यवसाय बढ़ाने को लेकर भी बड़ा आत्मविश्वास देखा गया है। शोध में पाया गया कि महिला व्यवसायियों में 89% को अगले पांच वर्षों में अपनी आमदनी बढ़ने की उम्मीद है, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 87% ही था। इतना ही नहीं, करीब 38% महिलाएं मानती हैं कि अगले पांच सालों में उनका व्यवसाय 50% से ज्यादा बढ़ सकता है, जबकि पुरुषों में सिर्फ 20% ऐसा सोचते हैं।
जो उद्योग भारतीय महिलाओं के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय हैं, उनमें शिक्षा, खाद्य एवं पेय पदार्थ और ऑनलाइन बिक्री प्रमुख हैं। शोध में सामने आया कि 28% महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में, 21% खाद्य एवं पेय पदार्थ के कारोबार में और 16% ऑनलाइन विक्रेता के रूप में अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छुक हैं।
महिला उद्यमियों के सामने आने वाली बाधाएं
हालांकि, इतनी मजबूत इच्छाशक्ति और सपनों के बावजूद, कई महिलाओं के लिए व्यवसाय शुरू करना अभी भी आसान नहीं है। शोध से पता चलता है कि जो महिलाएं अपना व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, उनमें से 42% का मानना है कि यह उनके लिए संभव नहीं है। यह संख्या जेनरेशन जी की महिलाओं में और भी अधिक (46%) है।

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